अल्मोड़ा में भू-माफियाओं के खिलाफ सड़क पर उतरे संगठन

शहर में रैली, गुंजायमान रहे तीखे नारे और जनगीत सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः नगर में आज ‘भू-माफिया भगाओ, पहाड़ बचाओ’, ’माफिया भगाओ, उत्तराखंड बचाओ’ के नारे…

अल्मोड़ा में भू-माफियओं के खिलाफ सड़क पर उतरे संगठन

शहर में रैली, गुंजायमान रहे तीखे नारे और जनगीत

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः नगर में आज ‘भू-माफिया भगाओ, पहाड़ बचाओ’, ’माफिया भगाओ, उत्तराखंड बचाओ’ के नारे गुंजायमान रहे। दरअसल यहां माफिया संस्कृति विरोधी जनअभियान के तहत आज विभिन्न संगठनों ने मिलकर जोरदार रैली निकालकर आवाज बुलंद की और उत्तराखंड की जनता से माफिया राज व भू-माफियाओं के खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया गया।

कई संगठनों के लोग पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार आज पूर्वाह्न यहां गांधी पार्क में संयुक्त प्रदर्शन के लिए एकजुट हुए। जहां आयोजित रैली के मुख्य संयोजक उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि भ्रष्ट नौकरशाहों, पूंजीपतियों, माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। जिससे उत्तराखंड अपराध व अराजकता के दलदल में फंस गया है। उन्होंने कहा कि इससे मुक्ति के लिए अब सीधी लड़ाई जरूरी हो गई है और इस लड़ाई का वक्त आ गया है। गांधी पार्क में जमा लोगों ने नगर में बाजे-गाजे के साथ प्रदर्शन किया और नारों की गूंज के बीच जनगीत गाए। इस दौरान प्रदर्शनकारी ’भू माफियाओं की कब्र बनेगी उत्तराखंड की छाती पर’, ’जल जंगल जमीन हमारी नहीं सहेंगे धौंस तुम्हारी’ जैसे नारे लगे। यह रैली माल रोड, मिलन चौक व नगर की बाजारों से होते हुए वापस गांधी पार्क पहुंची। जहां सभा में तब्दील हो गई। इस दौरान शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बल भी तैनात रहा।

प्रदर्शन से पूर्व और बाद में हुई जनसभा को सालम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रावत, झालडुंगरा के दीवान सिंह बिष्ट, एडवोकेट जीवन चंद्र, ईश्वरी दत्त जोशी, उपपा के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, व्यापार मंडल अल्मोड़ा के सुशील साह, लोक कलाकार महासंघ उत्तराखंड के गोपाल चम्याल, उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष पूरन रावल, सद्भावना यात्रा के भुवन पाठक, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित (रामनगर), परिवर्तन कामी छात्र संगठन के महेश, विशाल गुप्ता (हल्द्वानी), उत्तराखंड छात्र संगठन की भावना पांडे भूमि बचाओ संघर्ष समिति फलसीमा के विनोद बिष्ट समेत तमाम लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम के समापन पर जिला प्रशासन के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया।
ज्ञापन में ये हैं प्रमुख मांगें

ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य बनने के बाद भूमि बंदोबस्ती नहीं होने से पीढ़ियों से पर्वतीय क्षेत्रों का आधार कृषि चौपट हो गई है, गांव खाली हो गए हैं, बेरोजगारी चरम पर है। जिस भू-माफियाओं की पहुंच गांव-गांव तक हो गई है। जिससे उत्तराखंडी अस्मिता तार-तार हो रही है। ज्ञापन में सरकार से त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा कृषि भूमि की असीमित खरीद के काले कानून को तत्काल वापस लेने, भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा प्रभावशाली लोगों को जमीनों के उपयोग की अनुमति के दुरुपयोग की उच्च स्तरीय जांच कर जमीनें जब्त करने, उत्तराखंड हितों के संरक्षण के लिए पर्वतीय क्षेत्रों को संविधान की धारा 371 का संरक्षण प्रदान करने, बेनाप में वर्गीकृत भूमि को समाज को सौंपने, भूमि की बंदोबस्ती व चकबंदी करने, सशक्त भू कानून से बाहरी लोगों पर कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगाने, सौर ऊर्जा के नाम पर बाहरी कंपनियों द्वारा लीज पर जमीन में कब्जे की व्यवस्था समाप्त करने व भनोली झाल डुंगरा में सन लेयर कंपनी के घपले घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कर उनकी लीज निरस्त करने, वन पंचायतों के लिए अलग अधिनियम बनाने, भू माफियाओं के खिलाफ समान रूप से सख्त कार्यवाही करने, अल्मोड़ा जिले में प्लीजेंट वैली को तत्काल जब्त करने की मांग की गई है।
इन संगठनों की रही भागीदारी

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, भूमि बचाओ संघर्ष समिति फलसीमा, भूमि बचाओ संघर्ष समिति चितई, नानीसार बचाओ उत्तराखंड बचाओ संघर्ष समिति, वन पंचायत संघर्ष समिति, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा उत्तराखंड, उत्तराखंड लोक वाहिनी, व्यापार मंडल अल्मोड़ा, लोक कलाकार महासंघ उत्तराखंड, विहान मंच, कुमाऊनी भाषा साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति, बस्ती बचाओ संघर्ष समिति, नगीना कॉलोनी संघर्ष समिति लाल कुआं, पछास हल्द्वानी, उत्तराखंड छात्र संगठन, ग्रामीण सेवा संगठन सुनौली, इंकलाबी मजदूर केंद्र रामनगर, सद्भावना यात्रा उत्तराखंड समेत अनेक संगठन शामिल थे।
इनकी रही उपस्थिति

इस प्रदर्शन में समाजवादी नेता वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद लाल वर्मा, पत्रकार नवीन बिष्ट, देवेंद्र भट्ट, भास्कर भौर्याल, कवि हर्ष जोशी, डॉ. हयात सिंह रावत, उपपा महासचिव एडवोकेट नारायण राम, दिनेश उपाध्याय, महिला हाट के राजू कांडपाल, भुवन वर्मा, चितई के पंकज कुमार, धौलादेवी से कौस्तुभानंद, बसंत खनी, राम सिंह, संस्कृति कर्मी देवेंद्र, आनंदी वर्मा, डॉ. जेसी दुर्गापाल, चंपा सुयाल, हीरा देवी, राजू गिरी, मनीषा, अमीनुर्रहमान, मोहम्मद वसीम, भावना मनकोटी, प्रकाश चंद्र, महिला समिति की मंजू पंत, मोनिका दानू, हेमा पांडे, गिरधारी कांडपाल, हेम पांडे, देवेंद्र सिंह पिलखवाल, पूरन सिंह गैलाकोटी, गोपाल, धीरेंद्र मोहन पंत, पूरन चंद्र तिवारी, एडवोकेट रमाशंकर नैनवाल, एडवोकेट मनोज पंत, दीपांशु पांडे समेत सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल रहे। अल्मोड़ा में आयोजित प्रदर्शन के समर्थन में आज गोपेश्वर, देहरादून समेत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी ज्ञापन व धरने के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

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