Almora News: अब पल्टन बाजार से खजांची मोहल्ले तक विवेकानंद मार्ग

—भव्य समारोहपूर्वक आज हुआ लोकार्पण—सौ साल पहले इसी मार्ग से हुआ था पदार्पणसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ारामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा के तत्वावधान में देश के स्वतन्त्रता की 75वीं…

—भव्य समारोहपूर्वक आज हुआ लोकार्पण
—सौ साल पहले इसी मार्ग से हुआ था पदार्पण
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा के तत्वावधान में देश के स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगॉठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे विवेक उत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी है। इसी क्रम में आज स्वामी विवेकानन्द के अल्मोड़ा आगमन की याद में यहां पल्टन बाजार से खजान्ची मोहल्ले तक के मार्ग को विवेकानन्द मार्ग का लोकार्पण किया गया। इस विवेकानंद मार्ग की स्वीकृति आयुक्त कुमाऊं मण्डल, नैनीताल द्वारा दी गयी है। लोकार्पण कार्यक्रम रघुनाथ मन्दिर अल्मोड़ा के समीप उस जगह पर किया गया, जहां स्वामी विवेकानंद ने लाला बद्री शाह ठुलघरिया के घर पर निवास किया था।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ के उपाध्यक्ष सुहितानन्द ने कहा कि स्वामी जी 100 वर्ष पूर्व इस मार्ग से अल्मोड़ा आये थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी को यहां जब आत्मज्ञान प्राप्त हुआ, तो उसी अनुभव के आधार पर उन्होंने शिकागो, इग्लैण्ड सहित अन्य जगह पर भाषण दिये थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के भाषणों से वैज्ञानिक टेस्ला व आइन्सटीन भी प्रभावित हुए थे। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के प्रति राजनीति से लेकर धार्मिक व दार्शनिक क्षेत्र के महान लोगों का विशेष लगाव रहा है। विश्वभर में ख्याति प्राप्त संत विवेकानन्द भी उन्हीं लोगों में शुमार रहे हैं। उन्होंने कहा स्वामी विवेकानन्द का अल्मोड़ा से घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। अपने जीवन काल में स्वामी जी तीन बार अल्मोड़ा आये और उन्होंने यहां आकर इच्छा व्यक्त की थी कि यहॉ पर ध्यान केन्द्र बनना चाहिए। श्री जोशी ने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने अल्मोड़ा नगर समेत स्याहीदेवी, कसारदेवी, सिमतोला आदि कई जगहों पर प्रवास किय और उन्होंने संसार को यह सन्देश दिया कि भारतीय संस्कृति हमारी सनातन संस्कृति है। श्री जोशी ने बताया कि स्वामी जी ने 11 मई, 1897 को जिस रास्ते से शहर में प्रवेश किया था, उस मार्ग का नाम आज विवेकानन्द मार्ग के रूप में घोषित हुआ है।


कार्यक्रम में स्वामी ध्रवेशानन्द ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की अल्मोड़ा की सन् 1897 में हुई दूसरी यात्रा सबसे अधिक चर्चित रही। शिकागो धर्म संसद में सनातन धर्म का झंडा गाड़ने के बाद हुए उनके प्रवास पर यहां भव्य स्वागत हुआ था। मई महीने में यहां पहुंचने पर लोधिया से लेकर खजांची मोहल्ले तक फूलों की वर्षा की गई। उन्होंने कहा कि स्वामी जी तीसरी बार अल्मोड़ा सन् 1898 में आए। जब उन्होंने भगनी निवेदिता को दीक्षा भी दी थी। कार्यक्रम में व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुशील साह, रेडक्रास सोसायटी के अध्यक्ष मनोज सनवाल, जिला सहकारी बैंक के निदेशक विनीत बिष्ट, उपजिलाधिकारी सदर गोपाल सिंह चौहान, अधिशासी अधिकारी महेन्द्र कुमार यादव समेत रामकृष्ण कुटीर से जुड़े तमाम लोग शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. दिवा भटट ने किया।

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