अब उत्तराखंड पुलिस के पास अमेरिकन स्कूटर ‘सेगवे’

— पुलिस महानिदेशक ने आज किया शुभारंभ— निरंतर स्मार्ट बनते जा रही उत्तराखंड पुलिससीएनई रिपोर्टर, (हल्द्वानी) नैनीतालपुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार के निर्देशन में उत्तराखण्ड…

— पुलिस महानिदेशक ने आज किया शुभारंभ
— निरंतर स्मार्ट बनते जा रही उत्तराखंड पुलिस
सीएनई रिपोर्टर, (हल्द्वानी) नैनीताल
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार के निर्देशन में उत्तराखण्ड पुलिस निरंन्तर स्मार्ट पुलिसिंग के पथ पर अग्रसर हो रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड पुलिस के साधनों में अ​मेरिकन स्कूटर ‘सेगवे’ भी शुमार हो चुका है। फिलहाल ये दो सेल्फ वैलेंसिंग स्कूटर क्रय किए गए हैं,​ जिनका आज रविवार को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। प्रत्येक गाड़ी की कीमत दो लाख रुपये है।
स्कूटर सेगवे की खासियत

यह सेल्फ बैलेंसिंग स्कूटर है। जो अलग—अलग साइज में आता है, जिसमें 6.5 इंच से लेकर 10 इंच तक की साइज उपलब्ध है। इसमें कंपनी ने Lithium-ion बैटरी पे का प्रयोग किया है और सिंगल चार्ज में यह 20 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज प्रदान करती है। एक घंटे चार्ज करने पर यह स्कूटर 18 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है। इन वाहनों की बड़ी खासियत ये है कि ये पैदल मार्ग पर भी पेट्रोलिंग की जा सकती है। इससे अपराधिक गतिविधियों एवं महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। पुलिस महानिदेशक का कहना है कि उत्तराखण्ड एक पर्यटक प्रदेश है, जिसके चलते ऐसे वाहनों का महत्व काफी बढ़ जाता है और भविष्य में और अधिक वाहन क्रय किये जायेंगे।
स्मार्ट पुलिसिंग के कदम

वर्तमान में 100 अधिक हाईवे पेट्रोल/सिटी पेट्रोल के लिए स्मार्ट गाड़ियां समस्त जनपदों को प्रत्येक थाना क्षेत्रान्तर्गत संचालित किया जा रहा है। डायल 112 गाड़ियां प्रत्येक थाना क्षेत्रान्तर्गत संचालित की जा रही है। जिसका रिस्पांस टाईम कम से कम लगभग 05 से 07 मिनट है। पुलिस महकमे द्वारा प्रदेश में ई-बीट सिस्टम के तहत बीट पुलिसिंग को स्मार्ट बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा ऑनलाईन FIR की प्रक्रिया शुरु की जा रही है। स्वान चीता पुलिस पुलिसिंग के लिए प्रशिक्षण देकर शार्ट वैपन्स तथा समार्ट वर्दी दी गयी है। जिसके लिए स्वान कंट्रोल रुम स्थापित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा विभिन्न एपों अविलंब अपराधों की सूचना प्राप्त करने और तुरंत कार्रवाई अमल में लाने के कदम उठाए गए हैं। उत्तराखण्ड एसटीएफ को आधुनिक साफ्टवेयर/उपकरणों के माध्यम से स्मार्ट बनाया गया है। आपदा/यातायात इत्यादि के लिए प्रत्येक जनपद में स्मार्ट पुलिस कंट्रोल रुम बनवाये जा रहे हैं।

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