देहरादून। उत्तराखंड के सिंचाई, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों के बाद अब राज्य के स्थानीय छोटे ठेकेदारों को भी सिंचाई विभाग से पर्याप्त काम मिल सकेगा। सिंचाई विभाग में लम्बे समय से बड़े निर्माण कार्यों के लिए बाहरी बड़े-बड़े ठेकेदारों के वर्चस्व को समाप्त करते हुए प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने स्थानीय छोटे ठेकेदारों को सिंचाई विभाग में रोजगार उपलब्ध करवाने की दृष्टि से बड़े ठेकों को चार हिस्सों में बांट कर एक बार फिर से राज्य के बेरोजगारों के प्रति अपने उत्तर दायित्व का बखूबी निर्वाह किया है।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि स्थानीय लोगों को रोजगार दिये जाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने अधीनस्थ सिंचाई विभाग के तहत होने वाले बड़े-बड़े कार्यों के ठेकों को छोटा करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा था जिस पर कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दे दी है। कुछ औपचारिकतायें पूरी करने के बाद अब शीघ्र ही इस व्यवस्था को सिंचाई विभाग में लागू कर दिया जायेगा।
सतपाल महाराज ने कहा कि पहले बाहरी बड़े ठेकेदारों को सिंचाई विभाग में बड़े-बड़े काम के ठेके दिये जाते थे जिन्हें वह पेटी पर स्थानीय ठेकेदारों को देते थे लेकिन भुगतान के समय वह स्थानीय ठेकेदारों का पैसा मार देते थे। ऐसी ही कुछ दिक्कतों पर काबू पाने और स्थानीय छोटे ठेकेदारों को काम दिये जाने के मक़सद से अब बड़े ठेकों को चार हिस्सों में बांट कर राज्य के लोगों को रोजगार दिये जाने पर कैबिनेट ने अपनी मोहर लगा दी है। महाराज ने कहा कि कैबिनेट के इस फैसले के बाद निश्चित रूप से स्थानीय लोगों को को रोजगार देने के मामले में सिंचाई विभाग एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेगा।
इसमें दोराय नहीं कि राज्य के सिंचाई, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की सोच और प्रदेश के बेरोजगारों के प्रति उनकी चिन्ता इसी बात से जाहिर होती है वह जहां एक ओर अपने पर्यटन महकमें में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के दायरे को विस्तृत कर स्थानीय बेरोजगारों सहित उत्तराखंड आये प्रवासियों को विभिन्न स्तर पर रोजगार मुहय्या करवाने का भगीरथ प्रयास कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनके सफल प्रयासों से अब सिंचाई विभाग में भी स्थानीय छोटे ठेकेदारों को आसानी से काम मिल पायेगा।