देहरादून। राज्य के मेडिकल कालेजों में पीजी नॉन क्लीनिकल पाठयक्रमों में छात्रों की काम होती रुचि को देखते हुए सरकार ने रिक्त पड़ी सीटों को भरने के लिए फीस कम करने का निर्णय लिया है। विदित रहे कि वर्ष 2013—14 से बॉडधारी परास्नातक छात्रों के लिए साठ हजार और बिना बांड भरे पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए पांच लाख रुपये रखा गया था। लेकिन 26 जून को हुई बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि नॉन क्लीनिकल परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए वर्ष 2020—21 के लिए नया शुल्क निर्धारित किया गया। फैसले के अनुसार इस वर्ष यह वार्षिक शुल्क एक लाख रुपये कर दिया गया है। नान क्लीनिकल पाठ्यक्रमों में एनाटामी, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, फार्माकोलाजी, फारेसिंक मेडिसन, माइक्रो बायोलॉजी और कम्यूनिटी मेडिसन आदि पाठ्यक्रम आते हैं। पढ़िए पूरा आदेश…
ब्रेकिंग न्यूज : अब सिर्फ एक लाख वार्षिक शुल्क में कीजिए उत्तराखंड के मेडिकल कालेजों में पीजी नॉन क्लीनिकल पढ़ाई
देहरादून। राज्य के मेडिकल कालेजों में पीजी नॉन क्लीनिकल पाठयक्रमों में छात्रों की काम होती रुचि को देखते हुए सरकार ने रिक्त पड़ी सीटों को…