सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत में अनियमितता की जांच को लेकर जिला पंचायत सदस्यों का 15 जून से चला आ रहा आंदोलन जारी है। आंदोलित सदस्यों ने सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा जिला पंचायत में चल रही अनियमितताओं की जांच को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आंदोलन को 2 महीने हो गए है, इस मामले में न तो शासन पहल कर रहा है और न ही जिला प्रशासन हस्तक्षेप कर रहा है। जिस कारण जिला पंचायत में अनियमितताओं के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा वाहन नीलामी के नियमों का हवाला दिए जाने के बावजूद जिला पंचायत द्वारा वाहन नीलामी किया जाना भी अनियमितता है। उन्होंने कहा कि भाजपा पंचायतों में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की अनदेखी कर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को अपमानित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत द्वारा जिस वाहन की निलामी को 1 लाख में करने जा रही थी। सदस्यों के आंदोलन को देखते हुए उस वाहन की नीलामी 9 लाख में हुई। उन्होंने कहा कि नीलामी में नियमों को ताक पर रखा गया।
उन्होंने पूरी नीलामी प्रक्रिया की पत्रावली भी सूचना अधिकार के तहत मांगी है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने बिना सदन की बैठक में हुए वाहन की नीलामी प्रक्रिया पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में पास किये बैगेर कार्य किये जा रहे है। जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आन्दोलनरत सदस्य अपनी मांगों को लेकर एकजुट है। अगर शासन-प्रशासन व पंचायत अध्यक्ष अपनी हठधर्मिता पर रहेंगे तो उन्हें मजबूरन न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ेगा।
इस दौरान वंदना ऐठानी, सुरेंद्र खेतवाल, रूपा कोरंगा, रेखा आर्या, पूजा आर्या, इंदिरा परिहार, गोपा धपोला, आदि मौजूद थे। इधर प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी व अभियन्ता सत्य प्रकाश कोटियाल ने कहा कि वाहन की नीलामी निर्धारित प्रक्रिया के तहत की गई है। निदेशालय की अनुमति मिलने के बाद ही खुली नीलामी प्रक्रिया के तहत वाहन की नीलामी की गई। जिसमें 140 बोली दाताओं ने नीलामी में हिस्सा लिया। सर्वाधिक 9 लाख में वाहन की नीलामी हुई।