—राज्ससभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कुमाऊं की उपेक्षा पर केंद्र को घेरा
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा है कि अल्मोड़ा—पिथौरागढ़ के भाजपा सांसद अजय टम्टा को अल्मोड़ा—हल्द्वानी एनएच के साथ ही पीएमजीएसवाई सड़कों की बदहाली की याद काफी देर से आई है। उन्होंने कुमाऊं मंडल की उपेक्षा के आरोप से एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरा। श्री टम्टा ने आज मंगलवार को यहां होटल शिखर में पत्रकारों से मुखातिब होकर यह बात कही।
श्री टम्टा ने कहा कि चंडीगढ़ से शिमला तक एनएच 6 लेन की बन चुकी है, जबकि हल्द्वानी—अल्मोड़ा एनएच लंबे समय से बदहाल बनी है। उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद गत दिनों सांसद अजय टम्टा ने केवल क्वारब के आसपास मौका मुआयना कर एनएच की बदहाली को देखा जबकि सड़क का प्रस्तावित विस्तारीकरण व सुधार कार्य पूरा हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कुमाऊं की लाइफ लाइन की बदहाली से यातायात बुरी तरह प्रभावित चल रहा है और हजारों यात्री परेशान हैं। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने अल्मोड़ा—सोमेश्वर—कौसानी—बागेश्वर सड़क की बदहाली पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारतमाला योजना के तहत कर्णप्रयाग से ग्वालदम होते हुए बागेश्वर, मुनस्यारी व जौलजीवी तक सड़क की दशा में सुधार की योजना थी और दो साल पहले की इस योजना में ग्वालदम तक सड़क की हालत में सुधार कर लिया गया है, लेकिन इससे आगे अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में सड़क लगातार बदहाल बनी है। उन्होंने कहा कि टनकपुर—जौलजीवी सड़क के निर्माण में भी उपेक्षा का आरोप लगाया।
केंद्र पोषित योजनाओं के तहत हर घर नल पहुंचाने की कोशिश तो जरूर हुई, लेकिन जल नहीं पहुंच पाया है। टनकपुर—बागेश्वर समेत कुमाऊं में सभी रेल लाइन की योजनाओं में कोई प्रगति नहीं है। उन्होंने उत्तराखंड विशेष राज्य का दर्जा पुन: बहाल करने की मांग भी उठाई। उन्होंने नमामि गंगे योजना में भी कुमाऊं मंडल की बुरी तरह उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रेसवार्ता में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीतांबर पांडे, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला उपस्थित थे
कांग्रेस में बदलाव का स्वागत
अल्मोड़ा: राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने उत्तराखंड में कांग्रेस संगठन में हुए बदलाव का स्वागत किया और हाईकमान का आभार जताया। उन्होंने कहा कि युवा चेहरा करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने से पार्टी में अपेक्षित गतिशीलता आएगी। वहीं वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से उनके व्यापक अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा। यशपाल को जिम्मेदारी देने से कांग्रेस के परंपरागत कैडर में भी एक सकारात्मक संदेश गया है।