जागते रहो! बस कुछ देर बाद 3 बजकर 25 मिनट पर धरती के पास से गुजरेगी दैत्याकार आफत

वॉशिंगटन। आज दोपहर अंतरिक्ष में एक बड़ी घटना होने वाली है। पृथ्वी के बगल से एवरेस्ट जितना बड़ा एक उल्कापिंड गुजरने वाला है। अमेरिकी अंतरिक्ष…

वॉशिंगटन। आज दोपहर अंतरिक्ष में एक बड़ी घटना होने वाली है। पृथ्वी के बगल से एवरेस्ट जितना बड़ा एक उल्कापिंड गुजरने वाला है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने करीब डेढ़ महीने पहले इस बात की जानकारी दी थी। नासा ने इस उल्कापिंड को एस्टेरायड 1998 ओआर2 नाम दिया है। यह 31 हजार 319 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरेगा। यह 29 अप्रैल को भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 3:25 बजे धरती के सबसे करीब होगा। यानी इसी दौरान धरती की बगल से यह उल्का पिंड गुजर जाएगा।

इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह पृथ्वी से 39 लाख मील (63 लाख किलोमीटर) के फासले से गुजरेगा। यानी पृथ्वी से चांद की दूरी (3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर) के लगभग 16 गुना दूर। हालांकि, अंतरिक्ष विज्ञान में यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती। पहले इसके पृथ्वी से टकराने की आशंका थी, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने साफ कर दिया है कि ऐसी कोई घटना नहीं होने वाली है।

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इस उल्कापिंड की चौड़ाई 1.5 मील (2.4 किलोमीटर) है। नासा ने इसे सबसे पहले 1998 में देखा था। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के मैनेजर पाउल कोडास ने कहा कि अभी ऐसे किसी भी आकार के कोई भी उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने की आशंका नहीं है। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आसपास से गुजरने वाले एक किलोमीटर तक आकार के 90% से अधिक उल्कापिंडों को ढूंढ निकाला है और उन्हें ट्रैक भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उल्कापिंड का धरती की तरफ अगला चक्कर 18 मई 2031 के आसपास हो सकता है।

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