हेम जोशी
लालकुआं। गौला नदी में खनन की बनती बिगड़ती संभावनाओं के बीच गौला संघर्ष समिति लाालकुआं ने प्रशासन द्वारा एक दिन छोड़कर गाडियों को खनन की इजाजत देने की तैयारी की खिलाफत शुरू कर दी है। आज जिलाधिकारी को भेजे गए एक ज्ञापन में संघर्ष समिति ने कहा है कि समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है कि गौला में खनन कार्य शुरू करने की तैयारी चल रही है और इसमें कुछ इस तरह व्यवस्था की जा रही है कि एक वाहन को एक दिन छोड़ कर काम दिया जाए। ज्ञापन के अनुसार इससे एक महीने में एक गाड़ी के हिस्से में 11 या 12 चक्कर ही आएंगे। इससे ग़ाभ् के तमाम खर्चे निकल पाना भी संभव नहीं होगा। टैक्स आदि की तो बात दूर हैं।
इसके अलावा गौला से खनन सामग्री को लेकर यूपी जाने वाले वाहनों को अनुमति मिलने की चर्चा पर भी उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि यूपी में कोरोना का संक्रमण उत्तराखंड से कहीं ज्यादा है ऐसे में वाहन लेकर वहां जाने वाले लौटते समय कोरोना को भी उत्तराखंड में ला सकते हैं। इसलिए यदि खनन का कार्य शुरू किया जाता है तो उसे उत्तराखंड की सीमा के भीतर ही किया जाए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि लॉक डाउन बढ़ने की स्थिति में गौला में रह रहे मजदूरों को राशन देना आगे संघर्ष समिति के लिए क ठिन हो जाएगा। इसलिए सरकार को उनके राशन की व्यवस्था भी करनी चाहिए। ज्ञापन में समिति के अयक्ष वीरेंद्र सिंह दानू व कई अन्य वाहन स्वामियों के हस्ताक्षर किए गए हैं। यह ज्ञापन आज डीएमएम वन विकास प्रभाग लालकुआं के माध्यम से जिलाधिकारी के लिए प्रेषित किया गया।