बागेश्वर। कांडा तहसील के लोहारखेत में नियमों को ताक पर रखकर खड़िया खनन किया जा रहा है। जिससे सबसे अधिक आस पास के मकानों को नुकसान पहुंच रहा है। इस ओर न तो विभाग और ना ही प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है। वहीं लगातार हो रहे खनन से गांव पर भी खतरा मंडराने लगा है। कुछ वर्ष पहले भी इस माइन को प्रशासन ने इन्हीं खामियों के चलते बंद किया था । वर्तमान साल में इस माइन को खोलने की इजाजत मिली है ।
फिर एक बार इस माइन में नियमों को ताक पर रखकर खड़िया खनन किया जा रहा है । माइन संचालक को न तो रिहायशी इलाका दिख रहा है, ना दूरी का कोई पैमाना और ना ही एनजीटी के कोई नियम । खनन माइन से बिल्कुल सटा हुआ मकान फ़क़ीर राम का है । उनका कहना है कि दर्जी का काम कर करके उन्होंने जैसे तैसे ये घर बनवाया है । लेकिन पास में हो रहे इस खनन से सारे घर पर दरारें आ गई हैं । साथ में आस .पास के जितने घर हैं वो भी खतरे की जद में आ गये हैं ।कांडा तहसील में बार बार शिकायत करने पर भी कोई देखने तक नहीं आता है ।
थक हार कर अभी कुछ समय पहले जिलाधिकारी कार्यलय गये थे । जहां डीएम साहब तो नहीं मिले एडीएम साहब को अपना दर्द बयां करके आये । उसके दूसरे दिन पटवारी वहां पहुंचे और उन्होंने आगे अपनी रिपोर्ट भेजनें की बात कही । लेकिन आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है । लोगों के घर व गौशालाओं में दरारें आ गई हैं। बारिश होते ही खड़िया खान का पानी रिस कर सीधे घर के अंदर कमरों में आ जाता है ।
आरोप है कि कांडा के थरप स्थित नंदिता तिवारी के स्टोन शाॅप में एनजीटी के नियमों को भी ताक पर रखा जा रहा है। खनन क्षेत्र में काम में लगे श्रमिक बिना हेल्मेट पहने खनन कार्य कर रहे हैं । खनिकों के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था भी नहीं की गयी है ।
खनन क्षेत्र की सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया गया है । नियमों के अनुसार खुदान भी नहीं हो रहा है। जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है। जिस तरह खनन से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है उसको बचाने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं । ग्रामीणों का कहना है कि आस पास के कई रास्ते भी इस माइन के भेंट चढ़ गये है । आने जाने वाले ग्रामीणों को इसस दिक्कत हो रही है ।