माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद, दो साथियों को भी आजीवन कारावास

प्रयागराज | माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सजा 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस…

एक बार फिर 1300 किलोमीटर के सफर पर अतीक अहमद, प्रयागराज वापसी

प्रयागराज | माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सजा 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में सुनाई है। पुलिस रिकॉर्ड में अतीक गैंग पर 101 मुकदमे हैं। यह पहला मामला है, जिसमें अतीक दोषी ठहराए गए और उनको सजा मिली है।

इसी मामले में अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। जिन तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है उनमें अतीक के अलावा खान सौलत और दिनेश पासी हैं। वहीं, जिन्हें बरी किया गया है उनमें अशरफ उर्फ खालिद अजीम, फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर हैं।

वकीलों ने फांसी दो फांसी के नारे लगाए

जब कोर्ट में अतीक को ले जाया गया, परिसर में वकीलों ने फांसी दो फांसी के नारे लगाए। इससे पहले नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया था। इसमें CCTV कैमरे और पर्दे लगे थे। कोर्ट तक 10 किमी की दूरी 28 मिनट में तय हुई।

अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था।

फैसले से पहले अतीक को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सुरक्षा की मांग की थी

इस बीच, उमेश पाल मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की सुरक्षा देने की अपील खारिज कर दी है। अतीक ने याचिका में कहा था कि जब तक वो उत्तर प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है, उसे सुरक्षा दी जाए। अतीक ने कहा था कि वह यूपी की जेल में शिफ्ट नहीं होना चाहता। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतीक के वकील से कहा कि अपनी शिकायत लेकर हाईकोर्ट जाइए।

अपडेट्स…

➡️ कोर्ट के बाहर कुछ लोग जूतों की माला लेकर पहुंचे थे। इनका कहना था कि अतीक ने बहुत लोगों को तंग किया है। अब हम उसे जूतों की माला पहनाना चाहते हैं।
➡️ अतीक की वैन में पर्दे लगे थे। करीब 50 से ज्यादा जवान सुरक्षा दे रहे थे। दोपहर 12:16 बजे कोर्ट पहुंचा।
सुरक्षा के लिहाज से सुबह 11.34 बजे पहली वैन जेल से खाली रवाना की गई। सुबह 11.48 बजे दूसरी वैन में फरहान, तीसरी में अशरफ और चौथी अतीक को लेकर निकली।
➡️ जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है।
अतीक के वकील दया शंकर मिश्रा ने कहा कि फैसले के बाद आगे की रणनीति तय होगी। हमें हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार है।
➡️ उमेश पाल का परिवार कोर्ट नहीं आया। सुरक्षा के मद्देनजर पत्नी जया पाल और मां के अलावा भाई, रिश्तेदार कोर्ट में मौजूद नहीं हैं। परिवार को डर सता रहा।

अतीक गैंग पर 100 से ज्यादा केस, आज पहले केस में सजा मिली

अतीक अहमद का 20 साल से ज्यादा वक्त तक प्रयागराज समेत आसपास के 8 जिलों में वर्चस्व रहा है। यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, अतीक के गैंग IS- 227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं। अभी कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं। इनमें NSA, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के मुकदमे भी हैं। अतीक पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था।

सबसे पहले उमेश पाल अपहरण केस को पढ़ते हैं…

अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी है। शुरुआत 25 जनवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल के मर्डर के साथ हुई थी। उमेश, राजू पाल मर्डर केस का चश्मदीद गवाह था। अतीक अहमद ने उमेश को कई बार फोन कर बयान न देने और केस से हटने को कहा था। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी।

उमेश पाल नहीं माना तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण करा लिया। उसे रात भर मारा गया। बिजली के शॉक दिए गए। मनमाफिक गवाही देने के लिए टार्चर किया गया। इस मामले में 17 मार्च को कोर्ट में बहस हो चुकी है।

1 मार्च 2006 को उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में गवाही दी। उस समय सपा की सरकार थी। उमेश अपनी और परिवार की जान की रक्षा के लिए सालभर चुप रहा। 2007 में विधानसभा चुनाव हुए और सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। मायावती की नेतृत्व वाली बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी।

राजू पाल की हत्या के चलते अतीक के खिलाफ मायावती ने कार्रवाई की। चकिया स्थित उसका दफ्तर तुड़वा दिया। उमेश पाल को लखनऊ बुलवाया और हिम्मत दी। उमेश पाल ने एक साल बाद 5 जुलाई 2007 में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

32 दिन पहले प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात 2 पुलिस गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था।

17 साल से केस की पैरवी कर रहे थे उमेश

उमेश पाल की तहरीर पर धूमनगंज थाने में धारा 147/148/149/364A/323/341/342/504/506/34/120 B and 7 Criminal law Amendment Act के तहत अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। इस केस की 17 साल से उमेश पाल बिना डरे पैरवी कर रहे थे। उमेश पाल ने ठान लिया था अतीक अहमद और अशरफ ने जिस तरह उसको मारा-पीटा और उसके साथ गलत व्यवहार किया था। उसका बदला सजा दिलवाकर लेगा।

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