उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य योगी सरकार में बन सकतीं है डिप्टी सीएम, आगरा ग्रामीण से 76608 वोटों से जीतीं

देहरादून/लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को करीब दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल हुई, भाजपा को उत्तर प्रदेश में 255 सीटों पर जीत…

देहरादून/लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को करीब दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल हुई, भाजपा को उत्तर प्रदेश में 255 सीटों पर जीत दर्ज हुई। जबकि समाजवादी पार्टी को 111 सीटें ही मिल पाई तो वहीं प्रदेश में कांग्रेस 2 सीटों पर ही सिमट गई। बरहाल प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। आज हम बात कर रहे है उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की, जो उत्तर प्रदेश की आगरा ग्रामीण विधानसभा से चुनाव में खड़ी हुईं और वहां से जीतीं भी। मौर्य पहली बार विधायक बनीं हैं। गौरतलब है कि वह आगरा की मेयर रह चुकी हैं।

बेबी रानी मौर्य ने आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी किरण प्रभा केशरी को 76608 वोटों से हराया। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य को 1 लाख 37 हजार 310 वोट मिले जबकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी किरण प्रभा केशरी को 60 हजार 702 वोट ही मिल पाए। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी महेश कुमार 52 हजार 731 वोटों पर ही सिमट गए।

राज्य विधानसभा चुनाव में 37 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए भाजपा ने लगातार दूसरी बार दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल की है। हालांकि उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के साथ कैबिनेट के 10 और मंत्रियों के चुनाव हारने के बाद अब नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन करना होगा।

वहीं सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में होने वाली नई सरकार के गठन में अब दो नहीं बल्कि 4 डिप्टी सीएम हो सकते हैं, जो चार अलग-अलग जातियों से होंगे। अभी नई सरकार के गठन की कोई तारीख घोषित नहीं हुई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि होली के बाद ही नई सरकार का गठन होगा। News WhatsApp Group Join Click Now

जानकारों का कहना है कि नयी सरकार का शपथ ग्रहण होली के बाद होने की संभावना है। नयी सरकार में जातीय एवं क्षेत्रीय संतुलन बिठाने की कवायद होगी। ऐसी भी चर्चा है कि इस बार चार उपमुख्यमंत्री बनाये जाने का विचार है जो राज्य के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते हों। उपमुख्यमंत्री पद के लिए ब्राह्मण नेता के रूप में बृजेश पाठक अथवा मथुरा से निर्वाचित श्रीकांत शर्मा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं कुर्मी नेता स्वतंत्र देव सिंह और आगरा से चुनाव जीतीं बेबी रानी मौर्य का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। चूंकि केशव प्रसाद मौर्य पार्टी में अन्य पिछड़े वर्ग के एक बड़े नेता हैं, उन्हें भी पुन: उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

मंत्रियों के रूप में सतीश महाना एवं सुरेश खन्ना जैसे दिग्गज भी फिर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। सतीश महाना ने आठवीं बार विधानसभा चुनाव जीता है जबकि सुरेश खन्ना शाहजहांपुर से रिकॉर्ड 9वीं बार चुनाव जीत विधायक बने हैं। नोएडा से 1.81 लाख से ज्यादा वोटों से विजयी हुए पंकज सिंह, बुन्देलखंड में वरिष्ठतम विधायक झांसी नगर से लगातार तीसरी बार निर्वाचित रवि शर्मा का नाम भी संभावित मंत्रियों के रूप में लिया जा रहा है।

कौन हैं बेबी रानी मौर्य
बेनी रानी मौर्य का उत्तर प्रदेश से गहरा नाता रहा है। वह 1995 से 2000 तक आगरा की पहली महिला मेयर रह चुकी हैं। वे 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रही हैं। बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड के राज्यपाल की कमान संभालने वालीं उत्तराखंड की सातवीं राज्यपाल रहीं हैं। उन्होंने पिछले साल सितंबर में ही उत्तराखंड की राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से ही उन्हें यूपी में कोई बड़ा पद देने की चर्चा चल रही थी। बेबी रानी मौर्य को वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न के पुरस्कार से नवाजा गया था। 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न का पुरस्तार उन्हें मिला था और 1998 नारी रत्न से सम्मानित किया गया था।

बेबीरानी मौर्य को क्यों माना जा रहा दावेदार?
उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य एक बड़ा दलित चेहरा हैं साथ ही महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी। अगर उनका नाम डिप्टी सीएम पद के लिए चुना जाता है तो बीजेपी एक तीर से दो निशाने मारेगी। वहीं, आगरा में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है। इसलिए उस क्षेत्र को प्राथमिकता दी जा सकती है।

मंत्रिमंडल में ब्यूरोक्रेसी के चेहरों को भी मिलेगी जगह
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में चुनाव की तारीखों की ऐलान से पहले ही ब्यूरोक्रेसी के 2 बड़े चेहरों ने बीआरएस लेकर पार्टी की सदस्यता ली और उन्हें फिर चुनाव मैदान में उतारा गया। कन्नौज विधानसभा सीट से कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण चुनाव लड़े और जीत दर्ज की, तो वहीं लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा सीट से ईडी में डिप्टी डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह ने भी जीत दर्ज की है। यह दोनों ही बड़े चेहरे हैं जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। सियासी गलियारों में रिटायर्ड आईएएस और एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा के भी नाम की चर्चा है।

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