बागेश्वरः नियमों को ठेंगा दिखाते वाहन दौड़ाए तो खैर नहीं

जिले में फिर चल पड़ा वाहन चेकिंग अभियान, पहले दिन 38 नपे सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः जिले में परिवहन विभाग, पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम…

जिले में फिर चल पड़ा वाहन चेकिंग अभियान, पहले दिन 38 नपे

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः जिले में परिवहन विभाग, पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम का वाहन चेकिंग अभियान फिर चल पड़ा है। जिसकी शुरूआत नगर क्षेत्र से गत सोमवार को हुई और नियमों को ठेंगा दिखाते वाहन दौड़ा रहे चालकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई। जिसके तहत 38 वाहनों का चालान हुआ। अभियान सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से चला है।

सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से शासन से वाहन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश हैं। इन्हीं निर्देशों के अनुपालन में जिले में परिवहन विभाग, पुलिस एवं प्रशासन की टीम साझा टीम समय-समय पर अलग-अलग रुटों पर औचक चेकिंग कर रही है। इसी क्रम में कोतवाली बागेश्वर क्षेत्रांतर्गत गत सोमवार को वाहन चेकिंग अभियान चला। जिसमें नियमों को ठेंगा दिखाने वाले 28 वाहन चालकों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई गई। संयुक्त टीम ने बिना हेलमेट दुपहिया चलाने, दुपहिया वाहन में तीन सवारी बिठाने, ओवर लोडिंग, बिना सीट बेल्ट वाहन चलाने, खतरनाक तरीके से वाहन चलाने एवं यातायात के नियमों का उल्लंघन करते दौड़ रहे 38 वाहनों का एमवी एक्ट के तहत चालान किए और हिदायत दी कि नियम तोड़े तो कार्यवाही अवश्य होगी। दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा ने अधीनस्थों को यातायात नियमों का पालन करवाने तथा आम जनमानस को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए निर्देशित किया है।
सामान्य तबके के लोगों पर ही कार्यवाही का आरोप

बागेश्वरः जहां एक ओर प्रशासन ठोस कार्यवाही का दम भर रहा है, वहीं दूसरी ओर आरोप भी लग रहे हैं कि पुलिस या परिवहन विभाग प्रभावशाली लोगों द्वारा नियम तोड़ने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कृषक का कहना है कि विभागीय नियम सब के लिए लागू है, लेकिन कार्यवाही केवल गरीब एवं सामान्य तबके के लोगों पर ही हो रही है। पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहन चेकिंग करना उचित है, किंतु सालों से बिना रजिस्ट्रेशन के ही दौड़ रहे वाहनों पर कार्यवाही नही होना विभागीय अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे वाहन एक ओर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इनसे दुर्घटनाओं की आशंका बनी है।

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