✍️ आधा दर्जन से अधिक सड़कों में पेड़ व मलबा गिरा, सफर मुश्किलभरा
✍️ पौराणिक नंदादेवी मेले की चकाचौंध में भी पड़ा बड़ा खलल
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले में गत रात्रि से लगातार हो रही भारी बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया है। सड़कों में पेड़ व मलबा गिरने से बाधाएं खड़ी हो गई हैं। जिससे आवागमन में मुश्किलें पैदा हो गई हैं। अब तक आधा दर्जन से अधिक सड़कें मलबा गिरने से बाधित हो गई हैं। हालांकि जेसीबी से मलबा व पेड़ हटाने का काम भी जारी है, मगर लगातार बारिश जारी रहने से सड़क मार्गों में व्यवधान बरकरार रहने का अंदेशा बना ही है।
मालूम हो कि दो—तीन दिनों से यहां बादलों की आवाजाही व कभी हल्की फुहारे पड़ने का सिलसिला चला रहा था, मगर गत रात से तेज बारिश का दौर शुरु हो गया। जिले में रातभर बारिश चलते रही, जिसका क्रम गुरुवार शाम तक चलता रहा। इससे पूरा जनजीवन प्रभावित हो गया। इससे लोेग मुश्किलें झेल रहे हैं। वहीं सड़कों में मलबा गिरने से यात्रा फजीहत भरी होने लगी है। जिलांतर्गत खैरना—रानीखेत—रामनगर मोटर मार्ग में सोनी के पास तथा बसोली—पोखरी मोटर मार्ग में डोल के समीप मलबा गिरने से यातायात बाधित हो गया। जिसे बाद में जेसीबी से खोल दिया गया। इनके अलावा जिलांतर्गत धौलादेवी—खेती, द्वाराहाट—भगतोला, सेराघाट—कुंजकिमौला, सिमलखेत—भनोली, डोबा—चौसली, द्वारसों—काकड़ीघाट मोटरमार्गों में मलबा गिरने से यातायात बाधित हो गया है। अभी बारिश के लगातार चलते रहने से सड़कों में व्यवधान बरकरार रहने की प्रबल संभावना है, हालांकि जेसीबी के जरिये मलबा हटाकर मार्ग में यातायात सुचारु करने के प्रयास जारी हैं।
इनके अलावा सोमेश्वर—कोसी मोटर मार्ग में मनान के पास पेड़ व मलबा गिरने से सड़क में यातायात बाधित हो गया। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष सोमेश्वर कश्मीर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और वुडकटर के पेड़ काटा गया तथा जेसीबी की मदद से पेड़ व मलबा हटाकर यातायात को सुचारु किया गया। उधर दन्या थानांतर्गत सोनासिलिंग क्षेत्र में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मुख्य मार्ग पर पेड़ गिरने से सड़क मार्ग में बाधा खड़ी हो गई। सूचना मिलते ही दन्या थानाध्यक्ष जसविंदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और जेसीबी की मदद से पेड़ को हटवाकर यातायात को सुचारु कराया।
नंदादेवी मेले में पड़ा बड़ा खलल
अल्मोड़ा: यहां नंदादेवी मेले की धूम में लगातार बारिश ने बड़ा खलल डाला है। इससे कलाकारों के कार्यक्रमों में मुश्किलें खड़ी हो गई। वहीं लोग मेले का लुत्फ उठाने से वंचित हो गए। दर्शक मेले के कार्यक्रम देखने नहीं देख पाए। मेलार्थियों की संख्या सीमित ही रही। वहीं मेले में दुकानें लगाने वाले लोगों को भी भारी फजीहत उठानी पड़ी है।