शिमला। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के चुनौतीपूर्ण इलाके में बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोगों को मलबे से निकाल लिया गया है। पुलिस ने कहा कि यहां 25 से अधिक अन्य लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया गया है, जिनके मलबे में फंसे होने की आशंका है।
अधिकारियों को संदेह है कि एक ट्रक, एक राज्य रोडवेज बस और अन्य वाहन राज्य की राजधानी से लगभग 180 किलोमीटर दूर, निगुलसारी के पास शिमला-रिकांग पियो राजमार्ग पर 60 से 70 मीटर की दूरी के बीच हुए भूस्खलन में दबे हुए हैं। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈
आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट धर्मेंद्र ठाकुर कहते हैं, “हमने बस के अवशेषों का पता लगा लिया है और एक शव बरामद कर लिया गया है।”
उन्होंने कहा, इलाका वास्तव में कठिन है। पत्थरों का गिरना अभी भी एक बड़ी चिंता है और बचाव अभियान में इससे बाधा आ रही है। बारिश भी है।
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आईटीबीपी के अलावा, स्थानीय अधिकारी, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) बचाव कार्यों में शामिल हैं, जो रात में भी जारी रहने की संभावना है।
हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बस रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी।
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लापता बस यात्रियों के रिश्तेदारों ने उनके ठिकाने के बारे में जानने के लिए स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया है। ज्यादातर पीड़ित आसपास के गांवों के हैं।
भूस्खलन हादसे में बचे एक व्यक्ति ने कहा, आपदा से ठीक पहले कुछ पत्थर लुढ़कने लगे। परेशानी को भांपते हुए, मैं दूसरी तरफ भागा और खुद को बचाने में कामयाब रहा।
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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने किन्नौर प्रशासन को राहत एवं बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, भूस्खलन में हताहतों की सही संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ को लोगों को बचाने के लिए बुलाया गया है। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈
राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के एक बयान में कहा गया है कि एक टाटा सूमो को मलबे से बरामद किया गया है और उसमें आठ शव मिले हैं। लगभग 25-30 लोग अभी भी शिलाखंडों के नीचे दबे हुए हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री जय राम से बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
किन्नौर में एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बड़ी प्राकृतिक आपदा है। इससे पहले हाल ही में जिले में आए एक भूस्खलन की वजह से नौ लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। जिस वाहन में वे यात्रा कर रहे थे, उससे पहाड़ों से गिर रहे बड़े पत्थर टकरा गए थे।
यह मानसून राज्य के कांगड़ा जिले में भी बड़े भूस्खलन का कारण बना है, जिसमें 10 लोगों की जान चली गई है। सिरमौर जिले में हाल ही में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन को कैप्चर करने वाले भयानक वीडियो इन दिनों वायरल हैं।
27-28 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले के ठंडे रेगिस्तान में असाधारण रूप से हुई भारी बारिश की वजह से सात लोगों की मौत हो गई थी। जिले के केलांग और उदयपुर उपखंड में बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ की 12 घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिसमें तोजिंग नाला (छोटी नदी) उफान पर था।
The number of dead bodies recovered from the landslide site of Kinnaur, Himachal Pradesh rises to 13 after the retrieval of another body: ITBP
— ANI (@ANI) August 12, 2021
The number of dead bodies recovered from the landslide site of Kinnaur, Himachal Pradesh rises to 13 after the retrieval of another body: ITBP
— ANI (@ANI) August 12, 2021