किच्छा न्यूज़ : मंदिरों को हटाने का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

किच्छा। नगर के हल्द्वानी मार्ग स्थित हनुमान मंदिर सहित दो अन्य मंदिरों को प्रशासन द्वारा हटाने के लिए लगातार दबाव बनाए जाने से स्थानीय लोगों…

किच्छा। नगर के हल्द्वानी मार्ग स्थित हनुमान मंदिर सहित दो अन्य मंदिरों को प्रशासन द्वारा हटाने के लिए लगातार दबाव बनाए जाने से स्थानीय लोगों सहित श्रद्धालुओं में प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर भारी रोष व्याप्त है। मंदिर परिसर में संपन्न हुई बैठक में तमाम गणमान्य लोगों सहित स्थानीय लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह सभी लोग न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं, परंतु कुछ अधिकारी आदेशों की आड़ में मनमानी करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मंदिर कमेटी से जवाब मांग कर अपना पक्ष रखने का मौका देना चाहिए तथा पक्ष रखने के बाद आगे की कार्यवाही करनी चाहिए।

नगर के हल्द्वानी मार्ग स्थित हनुमान मंदिर परिसर में संपन्न हुई बैठक में समाजसेवी सचिन चावला, जीत राज जीत व बलविंदर सिंह ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2009 के बाद सरकारी भूमि पर अस्तित्व में आए धार्मिक स्थलों को हटाए जाने का निर्देश दिया गया है, परंतु प्रशासन के अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी कर मनमानी करते हुए सभी धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर कमेटी पदाधिकारियों पर मौखिक रूप से मंदिर हटाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि हनुमान मंदिर का निर्माण वर्ष 2000 से कई वर्ष पूर्व किया गया था तथा मंदिर का रजिस्ट्रेशन कराते हुए अन्य कागजी कार्रवाई भी की गई है, जिसके सबूत मंदिर कमेटी पदाधिकारियों के पास उपलब्ध हैं तथा मंदिर में लगी मूर्तियों की शिलापट पर भी मूर्ति निर्माण का वर्ष अंकित है,

बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से दवाब बनाने का काम कर मनमानी की जा रही है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि जरूरत पड़ने पर कानूनी नोटिस का जवाब कानून के हिसाब से ही दिया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर उच्च न्यायालय की शरण ली जाएगी। बैठक में अधिकारियों द्वारा की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए तमाम लोगों ने कहा कि अधिकारियों को लिखित रूप से नोटिस जारी करते हुए कार्यवाही करनी चाहिए, परंतु अधिकारियों द्वारा की जा रही मौखिक कार्यवाही लगातार संदेह पैदा कर रही है और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस मौके पर पंडित गिरजा शंकर शर्मा, राजीव अग्रवाल, प्रवीण सेन, राजेश गुप्ता, मनोज कुमार, अमित सक्सेना, रोबिन खुराना, पिंटू गुप्ता, लवतेश कुमार, सचिन गंगवार, शहाबुद्दीन अहमद, मोहम्मद रजा, जितेंद्र कुमार बंटी, अमित कुमार, दीपांशु, योगेश अग्रवाल, अबरार अहमद, विकास कुमार, अमित कोहली, राधेश्याम अरोरा, शोभित शर्मा, संजीव सक्सेना आदि मौजूद थे।

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