देहरादून | इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी का रविवार को देहरादून में निधन हो गया। वह 80 साल के थे। उन्हें हार्ट से संबंधित बीमारी थी। उनके पार्थिव शरीर को रविवार की शाम को दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए रखा गया। 6 मई को उनके पार्थिव शरीर को वृंदावन में स्थित इस्कॉन गोशाला में समाधि दी जाएगी।
दिल्ली में जन्म, फ्रांस-कनाडा में पढ़ाई
गोपाल कृष्ण गोस्वामी का जन्म 1944 में दिल्ली में हुआ था। वह एक मेधावी छात्र थे। उन्हें सोरबोन विश्वविद्यालय (फ्रांस) और मैकगिल विश्वविद्यालय (कनाडा) में अध्ययन करने के लिए दो छात्रवृत्तियां प्रदान की गई थीं। उन्होंने 1968 में कनाडा में अपने गुरु और इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य श्रील प्रभुपाद से मुलाकात की और तभी से उन्होंने सभी की शांति और कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण और सनातन धर्म की शिक्षाओं को दुनियाभर में प्रचार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया।
दुनियाभर में किया कृष्ण भक्ति का प्रचार
गोपाल कृष्ण गोस्वामी जी ने भारत, कनाडा, केन्या, पाकिस्तान, सोवियत संघ और दुनिया के अन्य हिस्सों में आउटरीच और समुदाय-निर्माण के प्रयासों की देखरेख की। उन्होंने दुनिया भर में दर्जनों मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों के निर्माण का बीड़ा उठाया, जिसमें नई दिल्ली में प्रसिद्ध ग्लोरी ऑफ इंडिया वैदिक सांस्कृतिक केंद्र शामिल है। इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
इसके अलावा पुणे में इस्कॉन एनवीसीसी भी इन्हीं की देखरेख में बना, जिसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था। उन्होंने भारतीय संस्कृति और दर्शन के दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशक भक्ति वेदांत बुक ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में भी काम किया, जो 70 से अधिक विश्व भाषाओं में भगवद गीता और श्रीमद्भगवतम जैसे पवित्र ग्रंथों के अनुवाद और प्रकाशन की देखरेख करता है। आज तक 60 करोड़ से अधिक पुस्तकों की छपाई करता है।
अन्नाम्रत फाउंडेशन की शुरुआत की
गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज ने अन्नामृत फाउंडेशन की भी शुरुआत की। जो आज देश के 20,000 से अधिक स्कूलों में 12 लाख से अधिक सरकारी स्कूली छात्रों को ताजा और पौष्टिक भोजन परोसता है। उनके हजारों प्रवचनों के माध्यम से उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर 70 से अधिक देशों के 50,000 से अधिक लोगों को गोपाल कृष्ण गोस्वामी द्वारा भक्ति योग की प्रक्रिया में दीक्षित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में गोपाल कृष्ण गोस्वामी के लिए लिखा था- श्री गोस्वामी महाराज का जीवन, आदर्श और शिक्षाएं मानव जाति के लिए आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा हैं।