Bageshwar News: साढ़े तीन साल भी आंदोलन करना पड़े, तो न्याय के लिए करेंगे, जिला पंचायत के नौ सदस्य धरने पर अडिग, सांसद प्रदीप टम्टा व प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण का समर्थन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत में व्याप्त अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलित जिला पंचायत के नौ सदस्यों का धरना 12वें दिन जारी रहा। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण ने आंदोलन कर रहे सदस्यों को अपना समर्थन दिया और जिलाधिकारी से तत्काल नाराज सदस्यों की मांगों का निराकरण करने की मांग की। आंदोलित सदस्यों ने कहा कि यदि उन्हें साढ़े तीन साल तक आंदोलन करना पड़ेगा, वे अडिग रहेंगे। जिला पंचायत में पंचायती राज एक्ट के अनुसार ही विकास कार्य करने के लिए अध्यक्ष को विवश कर देंगे। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें Click Now
शनिवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व में सदस्यों ने नारेबाजी के साथ धरना दिया। यहां में वक्ताओं ने कहा कि पंचायतीराज एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि बयानबाजी कर आंदोलित जनप्रतिनिधियों को बदनाम करने लगे हैं। उन्होंने कहा है कि जनता की वोट से वह जीतकर आए हैं। उनकी मांगों को लेकर संविधान ने उन्हें आंदोलन करने का हक दिया है। जिसे भाजपा के लोग दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिपं अध्यक्ष ने विकास कार्यों के लिए आए धन का 55 प्रतिशत विवेकाधीन बनाया है।
वह अपने चेहतों में उसे बांट रहे हैं। जिसके कारण जिला पंचायत सदस्यों में आक्रोश है। इसके अलावा जिपं में रिश्तेदारों को नौकरियां दे दी गई हैं। निर्माण कार्य होने से पहले भुगतान हो रहा है। एएमए और जिपंअ की पूरी मनमानी चल रही है। उन्होंने कहा कि यदि उनके हकों के साथ कुठाराघात होता रहा तो वह आंदोलन तेज करेंगे। इस दौरान हरीश ऐठानी, वंदना ऐठानी, गोपा धपोला, इंद्रा परिहार, रेखा देवी, रूपा कोरंगा, गोपाल दत्त भट्ट, कवि जोशी, जीवन पांडे, सुनील पांडे, अंकुर उपाध्याय, रमेश कृषक पांडे, बबलू नेगी आदि मौजूद थे। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें Click Now
Uttarakhand Corona Update : राज्य में बढ़ रहा कोरोना ग्राफ, आज दो मौतें, 164 नए मामले
गांवों का विकास अवरुद्ध: टम्टा
राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव गांवों का विकास रोकना चाहती है। पंचायती राज एक्ट का माखौल उड़ाया जा रहा है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी के कार्यकाल में हजारों जांचें कराई गईं। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। जांच में कुछ निकला ही नहीं था। केवल पूर्व जिपंअ को बदनाम करने की कोशिश की गई। अब जो सदस्य भाजपा के अध्यक्ष के पक्ष में नहीं हैं। उन्हें परेशान करने की कोशिश की जा रही है। जिससे विकास अवरुद्ध होने लगा है। पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य सभा सांसद ने कहा कि पंचायतराज विभाग और जिला प्रशासन को तत्काल आंदोलनकारियों की मांग को सुनना होगा। आंदोलन को दबाने और कुचलने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की जांच की जानी चाहिए। जिला पंचायत में 19 सदस्य हैं। जिसमें नौ सदस्य आंदोलन पर बैठे हैं। एक जिला पंचायत अध्यक्ष और नौ अन्य उनकी तरफ हैं। यदि एक सदस्य भी इधर-उधर हुआ तो जिला पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव आ जाएगा। यह जिला पंचायत अध्यक्ष को सोचना चाहिए।
कोरोना से ठीक होने और कोविड-19 के दोनों टीके लेने के बाद अब महिला डेल्टा प्लस पॉजिटिव
अन्य खबरें
सांसद-विधायक नहीं बन सकेंगे सहकारी बैंकों के निदेशक : रिजर्व बैंक का फैसला
BREAKING: बीकाम का छात्र जंगल में फांसी के फंदे पर लटका, परिवार में कोहराम
मौसम अपडेट : उत्तराखंड के इन पांच जिलों में बदलेगा मौसम, येलो अलर्ट जारी
गजब : बैंक जाना लेकिन संभल कर, यहां गार्ड ने मास्क नहीं पहनने पर ग्राहक को मारी गोली