हल्द्वानी : घर पहुंचा शहीद जवान चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर

हल्द्वानी अपडेट। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद आज बुधवार को सियाचिन में 38 साल पहले शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर उनके घर…

हल्द्वानी अपडेट। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद आज बुधवार को सियाचिन में 38 साल पहले शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर उनके घर हल्द्वानी पहुंच गया हैं, जहां तय कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। और शहीद के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान बड़ी में लोग मौजूद रहे। शहीद की दो पुत्रियां हैं और उनकी धर्मपत्नी शांति देवी इन दिनों हल्द्वानी की नई आईटीआई रोड धान मिल, स्थित चौराह सरस्वती विहार, डहरिया में रहती हैं।

आपको बता दें कि 14 अगस्त को सेना की ओर से लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर मिलने की सूचना परिजनों को दी थी। सेना द्वारा शहीद की धर्मपत्नी शांति देवी से उनके बेच नंबर की पुष्टि की गयी। जब से ही उनके पार्थिव शरीर को हल्द्वानी स्थित उनके घर लाया जाना था लेकिन मौसम साथ नहीं दे रहा था। जिस वजह से सेना का हेलिकॉप्टर उडान नहीं भर पा रहा था। आज उनका पार्थिव शरीर उनके घर हल्द्वानी पहुंच गया है।

जहां शासन-प्रशासन के अधिकारियों, नेतागण और हजारों की संख्या में लोग शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए आए हुए है। शहीद जवान चंद्रशेखर हर्बोला का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ रानीबाग स्थित चित्रशाला घाट पर किया जाएगा। जहां पूरी तैयारियां कर ली गई है।

चंद्रशेखर हर्बोला सियाचिन में थे तैनात

कुमाऊं रेजीमेंट (19) के लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला सियाचिन में तैनात थे। पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ को निष्फल करने के लिए 19 कंमाऊं रेजीमेंट के एक दल को आपरेशन मेघदूत की जिम्मेदारी सौंपी गयी। दल के 19 सदस्यों को सियाचिन की दुर्गम चोटी के लिए रवाना किया गया लेकिन पूरा दल रास्ते में भीषण हिमस्खलन की चपेट में आ गया और सभी शहीद हो गये। लांसनायक हर्बोला भी इस दल में थे लेकिन उनका उस समय कुछ पता नहीं चल पाया था।

यह भी पढ़े : 38 साल पहले शहीद हुए अल्मोड़ा के चंद्रशेखर हर्बोला की कहानी

DART Mission : खतरे में पृथ्वी, एस्टेरॉयड से NASA की जंग अगले माह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *