हल्द्वानी न्यूज़ : आज आशाओं की तीन दिवसीय हड़ताल का हुआ समापन

हल्द्वानी। अगस्त क्रांति दिवस (9अगस्त1942) की याद को “भारत बचाओ दिवस ‘के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को याद…

हल्द्वानी। अगस्त क्रांति दिवस (9अगस्त1942) की याद को “भारत बचाओ दिवस ‘के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को याद करते हुए मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया गया। यह दिवस आज पूरे देश में, सभी कार्यस्थलों और केंद्रों में श्रमिक वर्ग के नेतृत्व में मनाया जा रहा है। ऐक्टू, क्रालोस, बीमा कर्मचारी संघ, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन, संसेरा श्रमिक संगठन सिडकुल, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, पछास आदि संगठनों ने शिरकत की।

इस अवसर पर संगठनों ने संयुक्त बयान में कहा कि, “कोरोना काल में मजदूरों को कॉरपोरेट मुनाफे के सामने कोई सुरक्षा नही दी जा रही है। इसी कोरोना की आड़ में मजदूरों के लेबर कानून खत्म करने से लेकर देश के रीढ़ रेल,बीमा समेत 42 पब्लिक सेक्टर को बेचने में जुटी है।मोदी सरकार के इस देश बेचो अभियान का जवाब है “भारत बचाओ अभियान”।”

आशाओं की तीन दिवसीय हड़ताल के समापन पर ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय ने आशाओं को उनकी सफल हड़ताल के लिए बधाई देते हुए कहा कि, “पूरे देश में आशाओं ने अपनी एकता और संघर्ष की ताकत को दिखाते हुए पहली बार तीन दिन की राष्ट्रीय हड़ताल की। मोदी सरकार के खिलाफ आशाओं ने अपने सांगठनिक मतभेदों को भुलाकर सभी यूनियनों ने एक मंच पर आकर जिस एकता का परिचय दिया है वह भविष्य में आशाओं के स्थायीकरण और न्यूनतम मजदूरी की लड़ाई को जीतने में कारगर साबित होगा, इसलिए इस हड़ताल का ऐतिहासिक महत्व है।”

बीमा कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष के. एन. भट्ट ने कहा कि, “मोदी सरकार आपदा को अवसर के रूप में इस्तेमाल करते हुए एलआईसी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने पर आमादा है। राष्ट्रीय संपत्ति को निजी मुनाफे के लिए देने की प्रवृत्ति देशहित में घातक है।”

प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महासचिव रजनी ने कहा कि, “मोदी सरकार पूँजीपति वर्ग की सेवा में नतमस्तक है और वह मजदूरों के बचे खुचे अधिकार भी खत्म करने पर अड़ी है। मजदूर जो राष्ट्र का निर्माता है उसके खिलाफ कॉरपोरेट जगत की सेवा में यह सरकार जुटी हुई है और महिला कामगारों के श्रम का शोषण कर रही है।”

आज 9 अगस्त “भारत छोड़ो आंदोलन दिवस” पर सभी संगठनों ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को याद करते हुए मोदी सरकार की मजदूर विरोधी- जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सतत संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

आज बुद्धपार्क के प्रतिवाद में ऐक्टू, क्रालोस, बीमा कर्मचारी संघ, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन, संसेरा श्रमिक संगठन सिडकुल, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, पछास आदि के प्रतिनिधि मौजूद रहे। जिनमें मुख्यतः डॉ कैलाश पाण्डेय, रिंकी जोशी, रीना बाला, के एन भट्ट, अशोक कुमार कश्यप, नरेन्द्र जोशी, मीनू, हेमा शर्मा, रजनी, टी आर पाण्डेय, नीता, नीलम, सुनील, उमेश, मोहिनी बृजवासी, दीपक कांडपाल, जोगेन्द्र लाल, मनोज आर्य, नरेन्द्र बानी, नवजोत सिंह परिहार, गंगा तिवारी, नीमा देवी, दया पाण्डे, प्रियंका सक्सेना, धन सिंह गड़िया, कांता प्रसाद, रोशन निनावे, चंद्रा सिंह, पुष्पा पलड़िया, रेखा शर्मा, मिथिलेश, रजनीश चौहान, सोनू सिंह, रमेश जोशी, प्रकाश कपकोटी आदि मौजूद रहे।

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