अयोध्या में राम मंदिर की तिथि व मुहूर्त निकलने से हर रामभक्त खुश है। राम मंदिर का शिलान्यास होने के बाद यहां हर कोई रामभक्त खुश है। बुधवार को शिलान्यास के बाद रामभक्तों ने सीएनई से अपनी याद ताजा की।
बागेश्वर। इमरजेंसी के दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ सात माह जेल में रहने वाले आचार्य बसंत बल्लभ पांडे राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ होने से प्रसन्न हैं तथा उस वक्त स्थानीय स्तर पर सूक्ष्म पूजन कार्यक्रम की योजना बना रहे हैं। बताया कि वे कारसेवा के लिए अयोध्या को रवाना हुए। अल्मोड़ा से सब साथी अलग-अलग हुए और हल्द्वानी में कुछ साथियों को गिरफ्तार कर लिया परंतु इमरजेंसी के अनुभव होने से वे वहां से बच निकले परंतु रूद्रपुर से पहले चेकिंग में उनकी तलाशी ली तो उन्होंने जय श्री राम का उद्घोष किया। पुलिस को उनके जाने की सूचना पहले थी जिस पर उन्हें वापस भेज दिया। बताते हैं कि उन्हें वापस आने पर पता चला कि महाविदयालय में कई कारसेवकों को गिरफ्तार किया गया है। जिस पर उन्होंने नित्य उनके पास जाने की योजना बनाई। वे प्रतिदिन उनके लिए शाखा आयोजित करते थे तथा राम पूजन करवाते थे। वर्तमान में आचार्य पांडे निजी व्यवसाय करते हैं।
रूद्रपुर में गिरफ्तार हुए थे सोनी
बागेश्वर। वर्तमान में व्यापार संघ बागेश्वर के अध्यक्ष व विहिप नेता हरीश सोनी बताते हैं कि राम मंदिर की कारसेवा से पूर्व अयोध्या से भक्त राम ज्योति लेकर बागेश्वर आए थे ज्योति के समक्ष दर्जनों रामभक्तों ने राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था। इसके बाद राम मंदिर निर्माण के लिए 109 रामभक्तों ने कोतवाली में गिरफ्तारी दी। बताते हैं कि कार सेवा में जाने से पूर्व ही तीन भक्तों के लिए प्रशासन से वारंट जारी हुए। जिसमें एक को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि वे किसी तरह अल्मोड़ा तक पहुंचे और वहां से हल्द्वानी होते हुए अकेले अयोध्या के लिए रवाना हुए परंतु रास्ते में उन्हें गिरफ्तार कर लिया और जनता इंटर कालेज रूद्रपुर में अन्य रामभक्तों के साथ एक सप्ताह के लिए हिरासत में रखा। इस दौरान वे नित्य कई बार हनुमानचालीसा का पाठ करते थे। अब राम मंदिर की तिथि व मुहूर्त निकलने से वे काफी खुश हैं। सोनी अभी हिजामं के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।