ब्रेकिंग न्यूज : को​रोना के नए स्ट्रेन से निपटने के लिए सरकार ने की नई एसओपी जारी, विस्तार से पढ़ें नए नियम

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के नए म्यूटेंट स्ट्रेन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीज़र यानी एसओपी जारी कर दी है। नए नियमों के…

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस के नए म्यूटेंट स्ट्रेन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीज़र यानी एसओपी जारी कर दी है। नए नियमों के तहत ​ब्रिटेन से फ्लाइट से आने वाले ऐसे यात्रियों को जिनमें कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन मिलेगा है, उन्हें अलग से बने आइसोलेशन वॉर्ड में रखा जाएगा। इसके अलावा पॉजिटिव निकले सह-यात्रियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में रखा जाएगा। ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन मिलने के मद्देनजर भारत में इसकी कैसे सर्विलांस की जाए और कैसे रिस्पांस दिया जाए, इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि यूके से आने वाले सभी यात्रियों का अनिवार्य रूप से एयरपोर्ट पर ही RT-PCR टेस्ट कराया जाएगा। जो यात्री पॉजिटिव पाए जाएंगे उनको एक अलग आइसोलेशन यूनिट में इंस्टिट्यूशन क्वारंटीन किया जाएगा। पॉजिटिव आए लोगों के सैंपल को जिनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी, पुणे भेजा जाएगा। अगर पॉजिटिव व्यक्ति पॉजिटिव निकलता है और उसका वेरिएंट नया नहीं है तो उसका इलाज मौजूदा प्रोटोकॉल के हिसाब से किया जाएगा लेकिन अगर जिनोमिक सीक्वेंसिंग में पाया जाता है कि वेरिएंट नया है तो फिर उसका इलाज तो मौजूदा प्रोटोकॉल पर किया जाएगा लेकिन उसका 14वें दिन फिर से टेस्ट किया जाएगा। 14वें दिन किए गए टेस्ट के बाद भी अगर वह पॉजिटिव आता है तो फिर उसके तब तक सैंपल टेस्ट किए जाएंगे जब तक लगातार दो सैंपल नेगेटिव नहीं आ जाते। RT-PCR टेस्ट में जो यात्री नेगेटिव आएंगे उनको घर पर क्वॉरंटीन रहने की सलाह दी जाएगी।

एयरलाइन यह सुनिश्चित करें कि यह सारी गाइडलाइंस चेक-इन से पहले ही यात्री को बता दी जाएं, फ्लाइट के दौरान इसकी अनाउंसमेंट की जाए, अराइवल-वेटिंग एरिया में यह गाइडलाइंस चस्पा की जाएं। 21 से 23 दिसंबर के बीच यूके से आने वाले और और RT-PCR टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले संक्रमित लोगों के सभी कांटैक्ट को एक अलग क्वारंटीन सेंटर में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन किया जाए और ICMR गाइडलाइंस के हिसाब से टेस्ट किया जाएंगे।

इस मामले में कांटैक्ट उन लोगों को माना जाएगा जो संक्रमित व्यक्ति की सीट की लाइन में तीन सीट आगे तक और 3 सीट पीछे तक बैठे होंगे। साथ ही केबिन क्रू के लोगों की भी पहचान की जाए जो इनके संपर्क में आए होंगे।
21 से 23 दिसंबर के बीच जो लोग यूके से आए हैं और RT-PCR टेस्ट में निगेटिव पाए गए हैं। उन सभी के लिस्ट राज्यों के साथ साझा की जाएगी और उनको होम क्वारंटीन किया जाएगा, ICMR गाइडलाइंस के हिसाब से टेस्ट भी किया जाएगा।

25 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच में जो भी यात्री यूके से आए हैं उनसे डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर संपर्क करेंगे और उनको अपने स्वास्थ्य को खुद मॉनिटर करने के लिए सलाह देंगे। ऐसे लोगों में अगर कोई लक्षण पाए जाते हैं तो उनका RT-PCR टेस्ट किया जाएगा। अगर टेस्ट कराने पर इनमें से कोई पॉजिटिव आता है तो ये देखा जाएगा कि इनमें कोविड का नया वैरिएंट है या नहीं। 9 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच जो लोग जो भी सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए राज्यों- डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर के साथ शेयर की जाएगी जिससे अगले 14 दिन तक वह लोग फॉलो अप कर सकें।

जो यात्री अंडर ऑब्जर्वेशन होंगे उनको भारत में एंट्री के 28 दिन तक डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर फॉलो करेंगे और उनकी तबीयत मॉनिटर करेंगे। 9 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच जो लोग यूके से आए हैं उन सभी का अनिवार्य रूप से आरटी पीसीआर टेस्ट करवाया जाएगा। चाहे उनका एयरपोर्ट पर हुआ टेस्ट नेगेटिव रहा हो या फिर वह अपने साथ नेगेटिव टेस्ट की रिपोर्ट भी लेकर आए हो। अगर यात्री उस शहर से बाहर निकल गए हो जहां पर उन्होंने लैंड किया है तो इसकी जानकारी उनके संबंधित जिले या राज्य को दी जाएगी। ऐसे यात्रियों का टेस्ट अगर पॉजिटिव आया तो उनको एक अलग आइसोलेशन सेंटर में इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में रखा जाए।

अगर पॉजिटिव आए व्यक्ति में वायरस नए वेरिएंट वाला है तो फिर उसका इलाज तो मौजूदा प्रोटोकॉल पर किया जाएगा लेकिन उसका 14वें दिन फिर से टेस्ट किया जाएगा। 14वें दिन किए गए टेस्ट के बाद भी अगर वह पॉजिटिव आता है तो फिर उसके तब तक सैंपल टेस्ट किए जाएंगे जब तक लगातार दो सैंपल नेगेटिव नहीं आ जाते। अगर कोई यात्री ट्रेस नहीं हो पाता है तो डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर सेंट्रल सर्विलांस यूनिट को जानकारी देगा।

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