Almora News: आपदा प्रभावितों को राहत देने में नाकाम सरकार—प्रदीप, राज्यसभा सांसद का आरोप, बोले—उत्तराखंड में आकर हरीश रावत पर निशाना साधकर चले गए केंद्रीय गृह मंत्री
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि इतनी बड़ी आपदा के बावजूद सरकार प्रभावितों को राहत नहीं पहुंचा सकी। जरूरत के अनुसार आपदा के मानकों में संशोधन की दिशा में कोई कदम नहीं उठ रहा है, जबकि केंद्रीय गृहमंत्री दो बार उत्तराखंड का दौरा कर चुके हैं। श्री टम्टा आज होटल शिखर में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य में गत दिनों आई आपदा ने राज्य में करोड़ों की क्षति पहुंचाई है। उम्मीद जताई थी कि लोगों को पहुंची भारी क्षति पर केंद्र सरकार मरहम लगाएगी और लोगों को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए आपदा के मानकों में संशोधन कर सरल बनाएगी, लेकिन कुछ नहीं हो पाया और लोगों को निराशा है, क्योंकि पहाड़ के लोगों की खड़ी फसलों, मकानों, रास्तों व खेतों को काफी क्षति पहुंची है और कठोर मानक होने से उन्हें कुछ मिल नहीं पा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री दो बार राज्य का दौरा कर चुके हैं, जो मोदी जी प्रशंसा करके और हरीश रावत पर निशाना साधकर चले गए, लेकिन आपदा से प्रभावित लोगों के लिए कोई राहत वाला काम नहीं किया।
राज्य सभा सांसद ने कहा कि जम्मू कश्मीर व उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां समान हैं। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर व बिहार में दो एम्स स्थापित किए, लेकिन उत्तराखंड में सिर्फ एक एम्स ऋषिकेश में बनाया जबकि जम्मू कश्मीर की तर्ज पर कांग्रेस कुमायूं में भी एक एम्स की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो यह काम करेगी। श्री टम्टा ने कहा कि कोरोनाकाल में जो मनरेगा रोजगार का साधन बनी और आपदा में कई कार्य मनरेगा के तहत हो रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने तीन माह से मनरेगा का बजट नहीं दिया। उन्होंने हल्द्वानी—अल्मोड़ा—बागेश्वर, हल्द्वानी—अल्मोड़ा—पिथौरागढ़, हल्द्वानी—रानीखेत—कर्णप्रयाग आदि सड़कों को आल वेदर रोड के तहत विकसित करने की मांग भी उठाई।
विस्थापन पर ध्यान नहीं—कुंजवाल
अल्मोड़ा। इस मौके पर प्रमुख रूप से उपस्थित विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं जागेश्वर के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा आपदा से गांव—गांव प्रभावित हैं, लेकिन मानक सख्त होने से लोगों को उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। जिससे प्रभावितों में भारी निराशा है। उन्होंने कहा कि सरकार को अविलंब आपदा के मानकों में संशोधन करते हुए उन्हें इतना सरल बनाना चाहिए कि प्रभावित के नुकसान की भरपाई हो सके। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से पहाड़ में तमाम गांव खतरे की जद में हैं, लेकिन सरकार उनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा सरकार को सर्वे कराकर ऐसे गांवों की सूची तैयार करनी चाहिए और उनके ट्रीटमेंट का कदम या विस्तापन का कदम उठाना चाहिए। प्रेसवार्ता में पूर्व विधायक मनोज तिवारी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीतांबर पांडे, नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला, जिला उपाध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, रोबिन भंडारी आदि भी मौजूद रहे।