अल्मोड़ा। कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्न राज्यों व जिलों से अपने घर लौटे युवाओं को सरकार की स्वरोजगार की नीतियों से जोड़ने व इन नीतियों को गाँव-गाँव तक पहुंचाने के लिए धर्म निरपेक्ष युवा मंच ने निकटवर्ती गांवों में जाकर बेरोजगार युवाओं के साथ बैठक कर प्रेरित किया। उन्हें स्वरोजगार के लिए अपनाए जा सकने वाले कार्यों व तत्संबंधी योजनाओं से रूबरू कराया।
सोमवार को मंच की टीम बल्टा, खूंट व धामस आदि गांवों में पहुंची, जहां सोशल डिस्टेंटिंग का ध्यान रखते हुए बेरोजगार युवाओं के साथ बैठक की। मंच ने पोल्ट्री फार्म, बकरी पालन, रेस्त्रां आदि स्वरोजगार के कामों के लिए इच्छुक युवाओं का खादी ग्रामोद्योग की योजनाओं व जिला उद्योग केंद्र की योजनाओं के बारे में बताते हुए ऑनलाइन फार्म भरे। साथ ही प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर अपलोड की गई। इसके अतिरिक्त मंच द्वारा युवाओं को सरकार की स्वरोजगार की योजनाओं से जोड़ने के लिए मार्गदर्शन किया। युवाओं ने मंच को बताया कि सरकार की स्वरोजगार की नीतियां विभाग से स्वीकृत होने के बावजूद बैंक से आसानी से लोन नहीं मिल पा रहा है। इस कारण युवाओं में स्वरोजगार के प्रति निराशा है। मंच ने कहा कि पूर्व में मंच कई बार शासन से स्वरोजगार के लिए ऋण की औपचारिकताओं को शिथिल करने की मांग कर चुका है। फिर इस मामले को उठाएगा। जल्द ही गांव-गांव में बनी ग्राम स्वालंबन समितियों के माध्यम से मंच इस मामले का उठाएगा। बैठक में मंच के संयोजक विनय किरौला, पूर्व प्रधान खूट ललित पंत, चंदन भोज, शंकर भोज, सुंदर लटवाल, पूर्व प्रधान बल्टा अर्जुन मेहता, ग्राम प्रधान धामस भगवत बिष्ट, हरीश बिष्ट, रंजीत बिष्ट, जगदीश बिष्ट, बिशन बिष्ट, भगत भोज, प्रताप भोज, निरंजन पांडेय, मयंक पंत, विनोद मुस्युनी, मनीष भाकुनी, प्रेम लटवाल आदि उपस्थित थे।
अल्मोड़ा: मंच की अच्छी पहल, बेरोजगारों को गांव-गांव जाकर समझाया स्वरोजगार
अल्मोड़ा। कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्न राज्यों व जिलों से अपने घर लौटे युवाओं को सरकार की स्वरोजगार की नीतियों से जोड़ने व इन नीतियों…