Uttar Pradesh

हिंदी आलोचना के एक युग का अवसान, BHU के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. चौथीराम यादव का निधन

📌 बनारस के हरिश्चंद्र घाट में अंतिम संस्कार

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और हिंदी के जाने—माने आलोचक प्रोफेसर चौथीराम यादव का रविवार को 86 साल की आयु में निधन हो गया। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार आज सोमवार सुबह हरिश्चंद्र घाट पर किया गया।

सांस लेने में दिक्कत होने बाद परिजनो ने उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां शाम 6:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे पांच बेटों और बहुओं का भरा—पूरा परिवार छोड़ गए हैं। प्रो. चौथीराम के निधन से हिंदी साहित्य जगत को झटका लगा है। साहित्यकारों ने उन्हें हिंदी का जन बुद्धी जीवी बताते हुए उनके निधन को हिंदी आलोचना के एक युग का अवसान करार दिया है।

प्रो. चौथीराम, ​संक्षिप्त परिचय :

जौनपुर जिले के शाहगंज तहसील के कायमगंज गांव निवासी प्रो. चौथीराम वर्ष 2003 में सेवा निवृतत हुए थे। गत वर्ष उन्हें कबीर राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया था। न्यायपूर्ण सामाजिक सरोकारों से जुड़े लेखन को रेखांकित करते हुए पटना के सत्राची फाउंडेशन की ओर से उन्हें 2022 में सत्राची सम्मान दिया गया था।

प्रलेस ने जताया शोक

प्रगतिशील आलोचक एवं प्रलेस के संरक्षक प्रो० चौथीराम यादव के निधन पर प्रलेस के महासचिव भरत शर्मा की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। कलीमुल हक, महेश आश्क, वीरेंद्र मिश्र दीपक, धर्मेंद्र त्रिपाठी और निखिल पांडे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। उधर इप्टा की प्रदेश इकाई का महासचिव शहजाद रिजवी ने भी प्रो० चौथराम यादव के निधन पर दुख व्यक्त किया है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती