बच्चों की जान खतरे में डालने वाली दवाओं की सैंपलिंग शुरू
CNE ALMORA : खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) उत्तराखंड ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की गंभीर स्थिति सामने आने के बाद राज्य में सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। आज, 07-10-2025 को वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट के निर्देश पर, औषधि निरीक्षक पूजा जोशी (अल्मोड़ा) ने नगर के मेडिकल प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया।


विवादित कफ सिरप पर प्रतिबंध और नमूने लेने की कार्रवाई
निरीक्षण का मुख्य फोकस कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप थे, जिनके कारण इन पड़ोसी राज्यों में अब तक 16 बच्चों की स्थिति गंभीर हो चुकी है। राज्य सरकार ने बच्चों के लिए इस्तेमाल होने वाली खांसी और जुकाम की दवाएं, जिनमें कोल्ड्रिफ और डेक्सट्रोमेथौफन हाइड्रोब्रोमाइड सीरप शामिल हैं, को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है।
औषधि निरीक्षकों ने इन कथित सिरपों में मानक के अनुरूप मात्रा न पाए जाने के संदेह में नमूने (सैंपल) लिए। सभी मेडिकल स्टोर स्वामियों और फार्मासिस्टों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि चार साल तक के बच्चों को चिकित्सक के परामर्श के बिना ये सिरप बिल्कुल न दिए जाएँ।
राज्यव्यापी जांच और त्वरित रिपोर्ट के निर्देश
FDA आयुक्त श्री ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों की फैक्ट्रियों, सरकारी अस्पतालों, और प्राइवेट/सरकारी मेडिकल स्टोरों से भी इन दवाओं के सैंपल लेकर राज्य की प्रयोगशालाओं में भेज दिए गए हैं। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर इन सैंपलों की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं और गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है।
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट ने बताया कि त्रासदी के बाद विवादित सिरपों पर प्रतिबंध लगाकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ० आर० राजेश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवायजरी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को चरणबद्ध तरीके से नमूनों को एकत्र करके प्रयोगशाला भेजा जा रहा है और दोषपूर्ण तथा हानिकारक दवाओं को बाजार से तुरंत हटाया जा रहा है।
दवा विक्रेताओं ने जनस्वास्थ्य को देखते हुए जांच में सहयोग का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री, सचिव स्वास्थ्य एवं आयुक्त FDA के निर्देशों के अनुसार, दवा विक्रेता एसोसिएशन ने भी अपने सदस्यों को 4 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उक्त कफ सिरप न देने और 4 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को भी बिना डॉक्टरी सलाह के न देने का निर्देश दिया है।
