बागेश्वर । जिले में पहली बार ऐसी घटना हुई जिसकी कल्पना बड़े से बड़ा साजिशकर्ता भी नहीं कर सकता। इसे रंजिशन कहें या शरारत कि किसी ने रावतसेरा में पचास नाली खेत में धान की फसल की बुवाई के बाद मंडुवे का बीज छिड़क दिया। नतीजतन किसानों की धान की फसल बर्बाद हो जाएगी।ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तहसील प्रशासन से की, जिस पर जाँच के लिए टीम भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक फसल बर्बाद करने वाले व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है।
पहाड़ में एक कहावत है कि ‘मडु फोगेल आभी दीखेल’ जिसका मतलब है जो गलत काम करेगा, उसका पता चल ही जायेगा, लेकिन यहां पर मंडुवा बिखरने वाले का अभी तक सुराग नहीं लग सका है। मामाला रावतसेरा का है। यहां शरारती तत्वों ने धान के खेतों में ऊपर से मडुआ छिड़क दिया। जिसे ग्रामीणों की पूरी खेती चौपट हो गई। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तहसील प्रशासन से की, जिस पर जाँच के लिए टीम भेजी जो जांच पड़ताल कर लौट गई।
रावतसेरा के किसानों ने 50 नाली खेत में धान लगायी, दिन भर मेहनत से बुआई की और रात में किसी ने पूरे खेतों में मडुवा छिड़क कर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। मडुवा इतना बारीकी से बिखेरा गया है कि उसे बीनना भी मुश्किल है।
काश्तकार सुरेश रावत ने बताया की कुछ दिन पहले उन्होंने हल लगा कर धान की बुआई की थी, एक दो दिन बाद में खेत देखने गये तो मंडुवे के दाने पूरे खेत में बिखरे हुए थे। वे कहते हैं अपने 60 साल के जीवन में पहली बार ऐसा देखा। उनका कहना है कि मेरे साथ—साथ और 12 लोगों के खेतों का भी यही हाल था। किसी का एक खेत किसी के दो खेत और मेरे तीन खेत खराब किये गए हैं। अब मडुवे के बीज अलग कर खेतों में फिर से हल चला पानी भर रुपाई की जाएगी। यही एकमात्र समाधान है। उनका कहना है कि अराजक तत्वों को जल्द से जल्द पकड़ा जाये और जो भी उचित मुआवजा हो प्रशासन द्वारा दिया जाए। तसहीलदार कांडा मैनपाल सिंह ने बताया कि कल शाम को फोन द्वारा हमें सूचना मिली, जिस पर तुरंत कार्यवाही की गई और पटवारी संजय कुमार को जांच के लिए भेजा गया है। किसानों ने अभी तक लिखित में कोई सूचना नहीं दी है। लिखित सूचना मिलने पर ही पुलिस जाँच कराई जाएगी। वहीं जिला मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। कल क़ृषि विभाग की टीम घटना स्थल पर जा कर गहनता से जांच करेगी। इस बारे में उच्च अधिकारियों से भी वार्ता की जाएगी। तभी कुछ कहा जा सकता है।