👉 भोजन का स्वाद बिगड़ा, चाय से अदरक का टेस्ट नदारद
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः पहाड़ में मौजूदा सीजन सब्जियों के सीजन के रुप में जाना जाता है। इस सीजन में पहाड़ में ही विविध प्रकार की सब्जियां पैदा होती हैं, लेकिन आश्चर्यजनक ये है कि इस सीजन में सब्जियों के दाम ऊंची छलांग लगा रहे हैं और हश्र ये है कि कई सब्जियां गरीब व सामान्य तबके की रसोई से गायब हो गई हैं। वजह ये है कि उनकी जेब महंगी सब्जी खरीदने की इजाजत नहीं दे रही है। इस बीच आम आदमी की थाली से टमाटर व शिमलामिर्च जैसी चीजें गायब हैं या नहीं के बराबर हैं। इतना ही नहीं चाय से अदरक का स्वाद नदारद है। सब्जियों की इस महंगाई ने भोजन का स्वाद गड़बड़ा दिया है।
👉 पहले प्याज ने, तो अब टमाटर ने निकाले लोगों के आंसू
इन दिनों सब्जियों के दामों में लगातार वृद्धि से आम आदमी परेशान है और सब्जी के इस सीजन में पहाड़ में सब्जियों के दामों में वृद्धि होना लोगों को आश्चर्यचकित कर रहा है। अत्यधिक महंगी सब्जियां खरीदने से गरीब व सामान्य तबके के लोग परहेज कर रहे हैं। रसोई और सलाद के रुप में बहुतायत इस्तेमाल होने वाला टमाटर इस बीच लोगों को रुला रहा है। कभी प्याज ने आंसू निकाले, तो अब टमाटर भी आंसू निकालने लगा है।
अल्मोड़ा बाजार में ही टमाटर 100 से 120 रुपये किलो तक बिक रहा है। इसके अलावा पहाड़ में इस सीजन बहुतायत होने वाला शिमलामिर्च तक 100 रुपये किलो मिल रहा है। फूलगोभी व कागजी नीबू जैसी चीज 80 रुपये किलोग्राम प्राप्त हो रही है। बैंगन तक 50 रुपये किलो मिल पा रहा है। इतना ही नहीं तमाम लोगों ने इस बीच अदरक खरीदना बंद कर दिया क्योंकि इसके दाम 280 रुपये किलो चल रहा है। इससे लोगों की चाय से अदरक का स्वाद गायब हो चला है। लोग परेशान हैं, मगर किसी के पास इस बात का जवाब नहीं है कि आखिर सब्जियां इतनी महंगी क्यों चल रही हैं?
अल्मोड़ा बाजार में सब्जी भाव
👉 टमाटर – 100-120 रुपये प्रति किलो
👉 शिमला मिर्च-100 रुपये प्रति किलो
👉 फूलगोभी-80 रुपये प्रति किलो
👉 अदरक- 280 रुपये प्रति किलो
👉 भिंडी-50 रुपये प्रति किलो
👉 लौकी-40 रुपये प्रति किलो
👉 कटहल-40 रुपये प्रति किलो
👉 कद्दू- 40 रुपये प्रति किलो
👉 कागजी नीबू-80 रुपये प्रति किलो
👉 बीन्स-30 रुपये प्रति किलो
👉 बैंगन-50 रुपये प्रति किलो
👉 प्याज-25 रुपये प्रति किलो
👉 आलू-25 रुपये प्रति किलो