— विश्व गौरैया दिवस पर गौरेया संरक्षण पर जोर
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने विश्व गौरैया दिवस पर अपने संदेश में पहाड़ में गौरैया संरक्षण के लिए उचित व जरूरी कदम उठाने का आह्वान किया है।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कर्मियों से अपेक्षा की है कि सभी पहाड़ों की चिड़िया गौरैया के संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा है कि हमें अपने आवासों में गौरेया के लिए रहने के लिए आवास का स्थान निर्मित करना चाहिए और गौरैया को प्रत्येक सुबह—शाम दाना डालेंगे। उन्होंने कहा है कि वैश्विक परिवर्तन, जलवायु परिर्वनों के कारण पहाड़ों की गौरेया सबसे अधिक प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा है कि पर्वतीय विशेषकर ग्रामीण जन-जीवन में यह चिड़िया हमारी हिस्सेदार है। इसलिए इसके संरक्षण के लिए प्रयास जरूरी हैं।
दूसरी ओर एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विश्व गौरेया दिवस पर गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें कहा गया कि मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन, परंपरागत मकानों के उजड़ने, मानवीय हस्तक्षेप, जलवायु परिवर्तन आदि कई कारणों से पर्वतीय गौरैया की संख्या निरंतर घर रही है। ऐसे में सभी को गौरैया के संरक्षण के लिए आगे आने का संकल्प लिया गया। सभी वक्ताओं ने कहा कि गौरेया का मानव से गहरा संबंध है और यह हमारे गांव—घरों की पहचान है। सभी वक्ताओं ने गौरेया के संरक्षण पर जोर दिया। गोष्ठी में डॉ. ललित जोशी ‘योगी’, स्वाति तिवारी, रोशनी बिष्ट, दिव्या नैनवाल, ज्योति नैनवाल आदि ने विचार रखे।