ध्वस्त होंगे आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्कूल भवन, “देर आए दुरुस्त आए”

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून प्रदेश के जर्जर सरकारी स्कूल भवनों का मुद्दा मीडिया में सालों से छाया रहा है, लेकिन कहते हैं न कि जब तक…

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून

प्रदेश के जर्जर सरकारी स्कूल भवनों का मुद्दा मीडिया में सालों से छाया रहा है, लेकिन कहते हैं न कि जब तक आपदा घटित नहीं हो जाती, तब तक वह सिर्फ कपोर कल्पि​त सम्भावना ही कहलायी जाती है। गत दिनों जब आपदा से एक स्कूल की छत गिरी तो शासन भी चेता है और ”देर आए दुरुस्त आए” की कहावत को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है।

दरअसल, बात यह है कि सचिव उत्तराखंड शासन रविनाथ रामन ने एक अति महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें संयुक्त सचिव प्रदीप जोशी के भी हस्ताक्षर हैं। यह आदेश प्रदेश के समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जारी किया गया है, जो कि प्रदेश के समस्त विद्यालयों में जीर्ण-शीर्ण भवन/शौचालय/भोजनमाता कक्ष, जोखिमयुक्त जर्जर बिजली के पोल/लटके हुये तार, सूखे हुये वृक्ष आदि को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार किये जाने के संबंध में है।

आदेश में कहा गया है कि गत 14 सितम्बर 2022 को राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकाण्डा, विकासखंड पाटी, चंपावत में खण्डहरनुमा जर्जर पुराने शौचालय की छत, जिस पर कुछ छात्र खेलते हुये चढ़ गये थे, गिर जाने के कारण 06 छात्र छत के नीचे आ गये थे जिनमे से 01 छात्र चन्दन सिंह पुत्र श्री गोधन सिंह, कक्षा 03 की चोट लगने से घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गयी जो कि अत्यन्त दर्दनाक एवं खेदजनक है। आगे पढ़े…

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रदेश के समस्त विद्यालयों में विद्यमान जीर्ण शीर्ण भवनों /शौचालय/भोजनमाता कक्ष, जर्जर बिजली के पोल/लटके हुये तार, सूखे हुये पेड़ आदि को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करें तथा ऐसे स्थलों की फोटोग्राफ सहित सूची संबंधित जिलाधिकारी को उपलब्ध कराते हुये आपदा प्रबन्धन अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत उक्त जोखिम पूर्ण वस्तुओं/भवनों आदि को ठीक कराने या ध्वस्त कराने की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें। आगे पढ़े…

साथ ही विद्यालय में उक्त जोखिम से सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाने का कष्ट करें, ताकि भविष्य में उक्त प्रकार की अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति न हो। आदेश में कहा गया है कि कार्यवाही अपने स्तर से जनपद के समस्त शासकीय/अशासकीय विद्यालयों में एक सप्ताह में पूर्ण कराकर अनुपालन आख्या उपलब्ध कराने का कष्ट करें। इस आदेश की प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु सचिव, आपदा प्रबन्धन उत्तराखण्ड शासन को महानिदेशक, विद्यालय शिक्षा उत्तराखण्ड, समस्त जिलाधिकारियों तथा निदेशक, प्रारम्भिक/माध्यमिक/एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, उत्तराखण्ड को आवश्यक कार्यवाही हेतु व समस्त प्राचार्य, डायट उत्तराखण्ड को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी गई है।

यहां देखिये आदेश की प्रति –

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