सावधान बागेश्वर : जंगलों की आग भड़का सकती है कोरोना

बागेश्वर। दुनिया इस वक्त कोरोना से जूझ रही है, भले ही उत्तराखंड में इन दिनों कोरोना के नए मामले कम आ रहे हैं, लेकिन जंगलों…

बागेश्वर। दुनिया इस वक्त कोरोना से जूझ रही है, भले ही उत्तराखंड में इन दिनों कोरोना के नए मामले कम आ रहे हैं, लेकिन जंगलों में लगी आग कोरोना को निमंत्रण देती दिखाई पड़ रही है। वैज्ञानिकों ने पहले ही चेताया है कि आग से होने वाले प्रदूषण में कोरोना के फैलने की आशंका ज्यादा हो जाती है।


कुछ शोधकर्ता दावा कर रहे हैं कि दुनियाभर में दूषित हवा के संपर्क में आने से कोविड-19 के संक्रमित और मौतों का आंकड़ा बढऩे के सबूत मिले हैं। जिले में काफ़ी लम्बे समय से जंगल जल रहे है और वन महकमा मौन होकर सब देख रहा है । अब तक एक महीने में एक दर्जन से भी ज्यादा जंगल खाक हो गये है । इसका असर जिला मुख्यालय के आसमान में साफ देखा जा सकता है। पूरे क्षेत्र में दिन भर धुएं के अलावा कुछ भी नहीं दिख रहा है ।

लोगों पर इसका असर भी दिख रहा है लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है ,आँखों में जलन की शिकायत ले लोग अस्पतालों में पहुंच रहे हैं । कोरोना काल में ऐसे हालात काफी चिंताजनक है । कुछ पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि विगत कुछ दिन पहले बागेश्वर में विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में पर्यावरण योजना की तैयारी में एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई ,जिसमें पर्यावरण को लेकर काफ़ी बढ़ी बढ़ी बात की जा रही थी,ऊपर जंगल जल रहे हैं और नीचे अधिकारी सभागारों में बैठ पर्यावरण के बारे में बढ़ी बढ़ी योजनाये बना रहे हैं ।

धरातल में क्या हो रहा है जिले के अधिकारी अनभिज्ञ हैं ।वैसे पहाड़ों में जंगल का जलना कोई नई बात नहीं है,ये अब जिला मुख्यालय के अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय लोगों को भी सामान्य लगता है । अगर ये वायु प्रदूषण कोरोना के लिए बूस्टर का काम करता है तो आने वाले दिनों में स्थित चिंताजनक हो सकती है।

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