सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी
समय पर बारिश नही होने, वन्य जीवों द्वारा निरंतर पहुंचाये जा रहे नुकसान व कई अन्य प्राकृतिक कारणों से इस बार गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। जिससे काश्तकारों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में खेत बंजर दिखाई दे रहे हैं। प्रभावित काश्तकारों का कहना है कि फसल चौपट होने से वह भुखमरी की कगार पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है। ग्राम सरना के राजू तिवारी व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इस बार गेहूं की फसल की पैदावार ही नही हो पायी है और उनके खेत बंजर पड़े हैं। इधर सरना, रैंगल, सैंज, ढटलगांव, सिरसा के तमाम ग्रामीणों ने भी गेहूं की फसल नही होने पर मुआवजा देने की मांग की है, जिससे वह अपने परिवार का भरण—पोषण कर सकें। किसानों का कहना है कि सरकार किसान हित में बड़े—बड़े वायदे तो करती है, लेकिन कोई भी सरकारी योजना धरातल पर उतरती नही दिखाई देती है। इस साल गेहूं की फसल बुरी तरह चौपट होने के बावजूद कोई भी सरकारी नुमाइंदा किसानों की सुध लेने नही पहुंचा है।
बर्बाद हो गई गेहूं की फसल, सूखे से हालात, मायूस किसानों ने सरकार से की मुआवजे की दरकार
सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ीसमय पर बारिश नही होने, वन्य जीवों द्वारा निरंतर पहुंचाये जा रहे नुकसान व कई अन्य प्राकृतिक कारणों से इस बार गेहूं की…