मोटाहल्दू न्यूज: नई सेवा नियमावली से बिफरीं संविदा व एनएचएम नर्सें, पहुंची हरदा के दरबार

मोटाहल्दू। नर्सिंग सेवा नियमावली में संशोधन करके भर्ती की विज्ञप्ति का वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही संविदा स्टाफ नर्सों से विरोध किया है। कल…

मोटाहल्दू। नर्सिंग सेवा नियमावली में संशोधन करके भर्ती की विज्ञप्ति का वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही संविदा स्टाफ नर्सों से विरोध किया है। कल पूर्व सीएम हरीश रावत के हल्द्वानी आगमन पर नर्सों के एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे भेट कर एक ज्ञापन उन्हें सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि संविदा नर्से बहुत ही कम मानदेय पर अति दुर्गम क्षेत्रों में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्हें आशा थी कि उनकी वरीयता को सरकार भविष्य में होने वाले भर्तियों में संज्ञान लेगी। ज्ञापन में कहा गया है कि भर्ती में वयन प्रक्रिया वर्षवार की जानी चाहिए। ज्ञापन के अनुसार संविदा व एनएचएम नर्सों को जो 1 वर्ष के लिए एक अंक वेटेज दिया जा रहा है उसे बढ़ाकर अन्य राज्यों की तरह 5 किया जाना चाहिए व अधिकतम 30प्रतिशत अंक प्रदान किए जाने चाहिए, जिससे नर्सों का भविष्य सुरक्षित हो सके। इस नियमावली में डिग्री धारकों को भी सम्मिलित किया गया है, डिप्लोमा व डिग्री धारक आवेदक का एक परीक्षा द्वारा चयन होना न्याय संगत नहीं है। इस संदर्भ में उच्च न्यायालय द्वारा भी दिशा निर्देश दिए दिए जा चुके हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि नर्सिंग नियमावली में चयन प्रक्रिया वर्ष वार हो जैसे कि फार्मासिस्ट व एएनएम की नियमावली में किया जाता है। एनएचएम के तहत स्टाफ नर्स को 5 वर्ष व उससे अधिक समय तक सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने पर स्थाई नियुक्ति दी जानी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड में अभी तक डॉक्टर, फार्मासिस्ट एवं अन्य कर्मचारियों के लिखित परीक्षा नहीं होती है लेकिन स्टाफ नर्स की जा रही है जो न्याय संगत नहीं है।

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