CNE Reporter Almora
उत्तराखंड सरकार द्वारा चिकित्सा विभाग के अंतर्गत जारी की गई उपचारिका (स्टाफ नर्स) के 1238 पदों के लिए शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया में जारी की गई अव्यवहारिक शर्ताें के खिलाफ कांग्रेस ने यहां गांधी पार्क में 24 घंटे का धरना शुरू कर दिया है। धरनास्थल पर बकायदा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी उपवास में बैठ गये हैं। इससे पूर्व हल्द्वानी से आए प्रकाश जोशी, पूर्व विधायक व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, विधायक रानीखेत करन माहरा, पूर्व विधायक मनाज तिवारी, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, जिलाध्यक्ष पीतांबर पाण्डे, तारा चंद्र जोशी आदि वरिष्ठ कांग्रेसजनों ने प्रेस वार्ता करके धरने को लेकर जानकारी साझा की। प्रकाश जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उपचारिका के पदों के लिए जो शर्तें थोप दी हैं, उससे स्पष्ट होता है कि सरकार पहाड़ के बेरोजगारों को रोजगार देना ही नही चाहती। उन्होंने कहा कि यहां खास तौर पर पर्वतीय जिलों में कार्यरत संविदा स्टाॅफ नर्स 30 बैड वाले से कम स्वास्थ्य केंद्रों में कार्य करने को विवश हैं। इससे स्पष्ट है कि उपनल या अन्य माध्यम से संविदा पर लगी उपचारिकायें, जो पिछले कुछ सालों से सरकारी चिकित्सालयों में कार्यरत हैं, उन्हें सरकार नई स्थायी नियुक्ति के योग्य नही मानती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह भी अनिवार्य किया गया है कि अभ्यर्थी को आवेदन पत्र के साथ अनुूभव अवधि का न्योक्ता द्वारा आयकर अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त फाॅर्म 16 प्रस्तुत करना होगा। पूर्व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार पूरी तरह पहाड़ विरोधी साबित हो रही है। पहले से ही जहां भर्तियां राज्य में बहुत कम हो रही हैं, वहीं नियुक्तियों में इस तरह की शर्तें लगाकर रोजगार के अवसर पहाड़ों में समाप्त किये जा रहे हैं। विधायक करन माहरा ने कहा कि सरकार की नीतियां ऐसी हैं कि गरीब को कभी भी मजबूत नही हो पाये। चाहे वह उपचारिकों की नियुक्ति प्रक्रिया का मामला हो या फिर सरकारी कर्मचारियों की पेंशन भी केंद्र सरकार ने बंद की। प्रेस वार्ता के बाद तमाम कांग्रेसजन यहां गांधी पार्क पहुंचे जहां धरने पर बैठ गये। धरने में तमाम वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता शिरकत कर रहे हैं। कांग्रेसजन पूरी रात धरने पर बैठेंगे जो कल दोपहर तक जारी रहेगा।
महज 10-12 हजार वेतन, उस पर भी जीएसटी, नगद में तनख्वाह तो फाॅर्म-16 कैसे भरेंगे ?
राष्ट्रीय सचिव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रकाश जोशी ने कहा कि यहां यह ध्यान देने योग्य है कि वर्तमान में कार्यरत उपचारिकायें चाहे वह सरकारी चिकित्सालयों में संविदा पर हों, या निजी चिकित्सालयों में उनका वेतन मात्र 10-12 हजार रूपये प्रतिमाह ही है। निजि अस्पतालों में तो यह अधिकांशतः नगद के रूप में मिलता है। तब अभ्यर्थी फाॅर्म-16 कैसे प्रस्तुत कर पायेगा। इस पर भी उनका जीएसटी कट जाता है और वेतन महज 8-9 हजार ही हाथ में आता है।
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जनपद की यदि बात करें तो अल्मोड़ा में कुल स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 78 है, जिनमें से केवल 30 या अधिक बैड वाले सिर्फ 7 हैं, जबकि 71 तीस से कम बैड संख्या वाले हैं। पिथौरागढ़ में 55 में से 7, पौड़ी गढ़वाल में 55 में से 8, चंपावत में 27 में से 4 तथा बागेश्वर में 33 में से सिर्फ 4 30 से अधिक बैड वाले अस्पताल हैं। ऐसे में समझने वाली बात तो यह है कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी नियुक्ति की शर्तों में आंखिर कितने पर्वतीय जिलों के स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्टाफ नर्स नियुक्ति के लिए भर्ती परीक्षा दे सकेंगे।