प्रख्यात साहित्यकार स्व. बलवंत मनराल की जयंती पर विशेष -डॉ. पवनेश ठकुराठी- हिंदी के साठोत्तरी साहित्यकारों में बलवंत मनराल का नाम आदर केे साथ लिया…
View More नमन : साठ के दशक के महान साहित्यकार बलवंत मनराल और उनका साहित्यCategory: साहित्य
कुमाउनी कहानी संग्रह काँव मनक काथ – क्वीड़’ पुस्तक का विमोचन
✒️ साहित्यकार महेंद्र ठकुराठी और सहायक प्रोफेसर डॉ० आशा शैली के संयुक्त संपादन में प्रकाशित ✒️ 42 महिला रचनाकारों की प्रतिनिधि कहानियां संकलित सीएनई रिपोर्टर,…
View More कुमाउनी कहानी संग्रह काँव मनक काथ – क्वीड़’ पुस्तक का विमोचनAlmora : साठोत्तरी युग के प्रतिष्ठित साहित्यकार थे स्व. बलवंत मनराल
⏩ 82वीं जयंती पर तमाम साहित्यकारों व गणमान्य लोगों ने दी श्रद्धांजलि ⏩ बलवंत मनराल साहित्य सृजन समिति का किया गया गठन अल्मोड़ा। साठोत्तरी युग…
View More Almora : साठोत्तरी युग के प्रतिष्ठित साहित्यकार थे स्व. बलवंत मनरालDehradun: पूर्व पुलिस महानिदेशक की लेखनी से जन्मा प्रेरणादायी उपन्यास
—आईपीएस अनिल रतूड़ी ने लिख डाली—’भंवर’—भव्य समारोह में सीएम धामी ने किया लोकार्पण—युवाओं का मार्गदर्शन करती रहेगी यह पुस्तकसीएनई रिपोर्टर, देहरादूनअनुशासन प्रिय एवं ईमानदार छवि…
View More Dehradun: पूर्व पुलिस महानिदेशक की लेखनी से जन्मा प्रेरणादायी उपन्यासकविता — वह सुबह जरूर आएगी
मई दिवस/अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर कवि एडवोकेट कवीन्द्र पन्त, अल्मोड़ा की कविता — आज नहीं तो कल वह सुबह जरूर आएगीजब धूप तेरे हिस्से की…
View More कविता — वह सुबह जरूर आएगीदेवेंद्र कुमार मिश्रा का व्यंग्य आलेख : तुलसीदास हाजिर हो !
‘‘तुलसीदास अदालत में हाजिर हो। गीता पर हाथ रखकर शपथ लो, जो कुछ कहोगे सच कहोगे। मिस्टर तुलसीदास आप पर आरोप है कि आपने दलित…
View More देवेंद्र कुमार मिश्रा का व्यंग्य आलेख : तुलसीदास हाजिर हो !कवीन्द्र पन्त (एडवोकेट) की कविता — ‘महल’
सुना है,कभी यहांमहल खड़े रहते थे।दुर्भेध्य,जिनकी चाहरदीवारी के भीतरपग वैरी न आने पाते थे।सुंदर सुंदर अप्सराएंलब्ध प्रतिष्ठित नृत्यांगनाएंउनकी सेवा में तत्परप्रति पल, प्रति क्षणरहतीं थीं।थे…
View More कवीन्द्र पन्त (एडवोकेट) की कविता — ‘महल’लघु कथा : ‘आदमी’ — एक बड़ी सीख !
प्रो. रमेश तिवारी ‘विराम’, मकरन्दनगर, कन्नौज जेठ की तपती दोपहर। भयानक लू चल रही थी। बाजार सुनसान था। बाजार के बीचों-बीच कपड़े की बड़ी दुकान…
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यह आधुनिक भौतिकवादी युग की कड़वी सच्चाई है कि माता—पिता जब तक काम के रहते हैं बेटे—बहू उनकी पूछ करते हैं, लेकिन यदि वह बूढ़े,…
View More एक सत्य कथा — अवांछितजानिए, अल्मोड़ा में क्यों पूजे जाते हैं खमसी बूबू ! 150 साल से भी पुरानी परंपरा
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा कुमाऊं के विभिन्न ग्रामीण और शहरी अंचलों में आत्माओं को देव स्वरूप मानकर पूजा जाता है। लोगों का आत्माओं के अस्तित्व में…
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