Big News : खैरना से क्वारब तक बदहाल सड़क मार्ग, सड़क पर गड्ढे या गड्ढों में सड़क !

आपदा के बीतने को हैं तीन माह, सो रहा शासन—प्रशासन और विभाग — अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट — गरमपानी/सुयालबाड़ी। अतिवृष्टि से आई प्राकृतिक आपदा…

आपदा के बीतने को हैं तीन माह, सो रहा शासन—प्रशासन और विभाग

— अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट —

गरमपानी/सुयालबाड़ी। अतिवृष्टि से आई प्राकृतिक आपदा के लगभग तीन माह गुजरने को हैं, लेकिन आज की तारीख तक खैरना से क्वारब तक खस्ताहाल बने सड़क मार्ग की दशा को सुधारने के लिए कोई काम शुरू नहीं हो सका है। जिससे यात्रियों की जहां भारी फजीहत हो रही है, वहीं आम जनता में शासन—प्रशासन व संबंधित विभाग की कार्यशैली के खिलाफ रोष है। (आगे पढ़ें)

उल्लेखनीय है कि गत अक्टूबर माह में 17, 18 व 19 तारीख को अतिवृष्टि के बाद पूरे प्रदेश में जबरदस्त नुकसान हुआ था। खास तौर पर नैनीताल जनपद में सर्वाधिक नुकसान हुआ और कई लोगों की जानें भी चली गई। सबसे बुरा हाल अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग का बना। जगह—जगह मलबा आने और पहाड़ों से हुई पत्थरों की बरसात के बाद संपूर्ण सड़क मार्ग विभिन्न स्थानों पर आंशिक या पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया। हालांकि आपदा के बाद फौरी तौर पर विभाग ने बंद हुए सड़क मार्ग को खोल तो दिया, लेकिन जीर्णोद्धार का काम आज तक शुरू नहीं हुआ है। जिस कारण एनएच से गुजरने वाले वाहन चालकों को आज भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जगह—जगह लगने वाले जाम से आये दिन यात्रियों को जूझना पड़ रहा है।

खास तौर पर यहां खैरना से क्वारब तक सड़क की हालत बहुत ही खस्ताहाल बनी हुई है। जगह—जगह गड्ढे पड़ गये हैं। जिनमें जल भराव देखा जा रहा है। इन गड्ढा युक्त सड़कों से गुजरते वक्त रोजाना कोई न कोई दोपहिया वाहन चालक चोटिल हो रहा है और किसी बड़ी सम्भावित दुर्घटना की भी आशंका बनी हुई है।

नागरिकों का कहना है कि सड़क सुधारीकरण का कार्य तत्काल प्राथमिकता के साथ होना चाहिए था, लेकिन एनएच द्वारा यह आज तक शुरू नहीं हो सका हे। ज्ञातव्य हो, अल्मोड़ा—भवाली—भीमताल—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग से रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। वीआईपी और वीवीआईपी तथा शासन—प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भी इसी मार्ग से गुजरा करते हैं, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि किसी का भी ध्यान इस खस्ताहाल सड़क मार्ग की ओर नहीं किया।

इधर इस संबंध में जब एनएच के जिम्मेदार अधिकारियों से वार्ता की गई तो उन्होंने यही बताया कि सुधारीकरण के कार्य का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। प्रस्ताव स्वीकृत होने व धनराशि आवंटित होने के बाद ही सुधारीकरीण का काम शुरू हो पायेगा। बड़ा सवाल यह है कि इतने महत्वपूर्ण सड़क मार्ग का कार्य प्राथमिकता के साथ होना चाहिए था, लेकिन विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सरकार, शासन व प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को शायद जनता को हो रही इस भारी परेशानी से कुछ लेना—देना नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *