दौसा। राजस्थान के दौसा की महिला एसडीएम घूस लेते हुए पकड़ी गई हैं। हैरानी वाली बात यह है कि जब उन्होंने घूस के पैसों की हरी झंडी दिखाई तक वे मुख्यमंत्री की वर्चुअल मीटिंग में शामिल हो रही थीं और मुख्यमंत्री अशोक गहलौत इस बैठक में भ्रष्टाचार पर ही अधिकारियों को भाषण पिला रहे थे।
राजस्थान का एंटी करप्शन ब्यूरो अब इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहा है।
खबर कुछ यूं है कि राजस्थान के दौसा जिले से एक नेशनल हाईवे गुजर रहा है। यहां पर किसानों की जमीनों के अधिग्रहण का काम चल रहा है। दौसा जिले के दो एसडीएमों बांदीकुई की पिंकी मीणा और दौसा के पुष्कर मित्तल को कंपनी के लिए जमीन अधिग्रहण करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अधिग्रहण को लेकर हुए विवादों की वजह से कंपनी पर मुकदमा चल रहा था। जिसकी सुनवाई एसपी मनीष अग्रवाल कर रहे थे। लेकिन सुनवाई के संबंध में भ्रष्टाचार की शिकायतें आने लगी। इसके बाद एसपी को दौसा जिले से हटा दिया। इसके बाद भी एसपी का दलाल नीरज अधिग्रहण वाली कंपनी पर घूस देने का दबाव बना रहा था। हालांकि दलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जब मुख्यमंत्री अशोक गहलौत वर्चुअल बैठक में अधिकारियों को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कह रहे थे ठीक इसी समय बैठक में शामिल पिंकी मीणा के पास मीन अधिग्रहण के लिए दस लाख रुपये देने के लिए फोन आया।
एसडीएम ने कहा कि अभी कंपनी के लायजनिंग अधिकारी को दे दो वो बाद में ले लेंगी। इनमें से पांच लाख रुपये दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल को दिए जाने थे। जब एसडीएम की इस बात को एंटी करप्शन ब्यूरो ने सुना अधिकारी बैठक खत्म होने का इंतजार करने लगे। बैठक की समाप्ति के बाद एसडीएम बैठक से बाहर निकलीं और पैसे लिए तो ब्यूरो के अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया। इसके अलावा पुष्कर मित्तल और पिंकी मीणा से पूछताछ चल रही है।
गिरफ्तारी के बाद पिंकी मीणा के घर पर पुष्कर मित्तल को लाया गया और दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि हाईवे निर्माण करने वाली कंपनी ने शिकायत की थी कि किसानों की भूमि अधिग्रहण करके कंपनी को सुपुर्द करने की एवज में दोनों एसडीएम घूस की मांग कर रहे थे।
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