अल्मोड़ा: नये विवि का ढांचा खड़ा करने के प्रयास तेज; आवासीय विवि के विलय की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंची और परिसम्पतियों के स्थानांतरण को प्रक्रिया गतिमान—कुलपति
सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ा
नवोदित एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा की नींव तो पड़ चुकी। अब इसका ढांचा खड़ा करने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए दोनों कुलपतियों के बीच वार्ता का दौर और शासन स्तर पर बैठकों का सिलसिला चला है। आवासीय विवि अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में विलय की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। परिसम्पतियों व मानव संसाधन के स्थानांतरण के लिए प्रयास चल रहे हैं। यह बात एसएसजे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने कही।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद शनिवार को दूसरी बार पत्रकारों से मुखातिब हुए कुलपति प्रो. एनएस भंडारी ने पिछले दिनों हो चुकी बैठकों का हवाला देते हुए बताया कि आवासीय विवि अल्मोड़ा का एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में विलय करने की प्रक्रिया चल रही है, जो अंतिम चरण में है। प्रक्रिया के पूरी होने पर आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इसमें संचालित कोर्स व्यवसायिक शिक्षा विभाग रूप चलते रहेंगे और यह विभाग एसएसजे विवि के अधीन चलेगा। उन्होंने बताया कि आवासीय विवि के तहत 12 कोर्स संचालित हैं और इसके छठे सेमेस्टर की परीक्षा करा ली गई हैं।
कुलपति ने स्पष्ट किया कि नये विवि के अधीन आने वाला एसएसजे परिसर अल्मोड़ा तथा 37 महाविद्यालयों का संबद्धीकरण अभी कुमाऊं विवि से ही है। इनका संचालन अभी कुमाऊं विवि के हाथ में ही है, क्योंकि अभी परिसम्पत्तियों का स्थानांतरण होना है। जब इनका मानव व भौतिक संसाधनों का स्थानांतरण कुमाऊं विश्वविद्यालय से एसएसजे विश्वविद्यालय को विधिवत हो जाएगा, तभी ये एसएसजे विवि के अधीन चलेंगे। उन्होंने पिछले दिनों हुई बैठकों का हवाला देते हुए बताया कि फिलहाल चालू सत्र में वित्तीय व्यवस्था कुमाऊं विश्वविद्यालय ही देखेगा। उन्होंने कहा कि मानव व भौतिक संसाधनों के स्थानांतरण की प्रक्रिया अमल में आए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एसएसजे विवि से संबद्धता कराने की प्रक्रिया शुरू हो सके, इसके लिए 18 लोगों की कमेटी बना दी है। जिसमें दोनों विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार, वित्त नियंत्रक, दोनों कैंपसों के निदेशकों समेत अन्य प्रमुख लोगों को शामिल किया गया है। यह कमेटी 10 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। तभी आगे का कदम उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पीजी कालेज पिथौरागढ़ व पीजी कालेज बागेश्वर को कैंपस के रूप में अस्तित्व में लाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिया गया है। प्रो. भंडारी ने कहा कि नये विश्वविद्यालय की परिनियमावली तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिनियमावली व अन्य औपचारिकताओं के लिए टीमें गठित की हैं। वहीं नई शिक्षा नीति अगले साल से लागू करने के संबंध में भी शासन स्तर पर लगातार मंथन चल रहा है।
असमंजस किया स्पष्ट : प्रो. भंडारी ने असमंजस दूर करते हुए कहा कि अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले कैंपसों व महाविद्यालयों के छात्र—छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया कुमाऊं विवि ने ही की है, क्योंकि अभी नये विवि का अपना ढांचा नहीं है। बाद में सारा रिकार्ड स्थानांतरित होगा। जैसे—जैसे प्रक्रिया आगे बढ़ती रहेंगी, उसी अनुरूप निर्णय लेकर अगली स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। प्रेसवार्ता में रजिस्ट्रार विपिन जोशी भी मौजूद रहे।