Almora Breaking: राज्यपाल ने विश्व प्रसिद्ध जागेश्वरधाम व चितई में की पूजा—अर्चना

— यहां भारतीय सभ्यता व संस्कृति का वास्तविक आभास होता है—गुरमीत— उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं का सर्किट बनाने की जरूरत बताईसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा उत्तराखंड के…

— यहां भारतीय सभ्यता व संस्कृति का वास्तविक आभास होता है—गुरमीत
— उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं का सर्किट बनाने की जरूरत बताई
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह आज अल्मोड़ा जनपद भ्रमण कार्यक्रम के तहत विश्व प्रसिद्ध जागेश्वरधाम व चितई गोलू मन्दिर पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा—अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं प्रदेशवासियों के लिए सुख समृद्धि की प्रार्थना की। राज्यपाल बेहद अभिभूत हुए और उन्होंने कहा कि यहां भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का वास्तविक आभास होता है। उन्होंने कहा ​कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं का सर्किट बनाना होगा।

सर्वप्रथम राज्यपाल जागेश्वरधाम पहुंचे, जहां उन्होंने ज्योतिर्लिंग मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मंहत गिरीश भट्ट ने मंत्रोच्चार किया। राज्यपाल ने भी महामृत्युंजय मंत्र एवं शिव के अन्य मंत्रों का उच्चारण किया। इसके बाद उन्होंने मृत्युंजय मंदिर एवं मातृशक्ति मंदिर पुष्टि देवी मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने संपूर्ण मंदिर परिसर की परिक्रमा कर मंदिर के इतिहास एवं मान्यताओं की जानकारी प्राप्त की। मंदिर पुजारी लक्ष्मी दत्त ने उन्हें मंदिर के इतिहास एवं मान्यताओं की जानकारी दी। इस बीच राज्यपाल ने जिलाधिकारी वंदना सिंह से वार्ता करते हुए कहा कि यह क्षेत्र आध्यात्म एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यहां लोगों की आर्थिकी को पर्यटन से जोड़ने के कार्यों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि होम-स्टे योजना के लिए इस क्षेत्र में विशेष कार्य किए जाएं। राज्यपाल ने कहा कि जागेश्वरधाम में पहुंचकर वह खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं और यहां भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का वास्तविक आभास होता है।

इसके उपरान्त राज्यपाल प्रसिद्ध चितई गोलू मन्दिर पहुंचे। जहां उन्होंने पूजा अर्चना की। यहां उन्होंने कहा कि हमें धार्मिक यात्राओं का सर्किट बनाना होगा और चारधाम के अलावा अन्य धार्मिक स्थानों को इससे जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि विश्व में जितने भी गुरूनानक के अनुयायी हैं, वे भी हेमकुण्ड, रीठा सहिब, नानकमत्ता, देहरादून, हरिद्वार में स्थित गुरूद्वारों में आकर आध्यत्मिक अनुभूति प्राप्त करें। इसके लिए हमें सड़क मार्ग, हैलीपैड व संचार व्यवस्थाओं को विकसित करना होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऐसे सर्किट अवश्य ही बनाये जायेंगे और इन स्थानों पर यात्रियों को बेहतर सुविधायें मुहैया हो, इसका विशेष ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में ‘अतिथि देवो भवः’ की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में होमस्टे, विलेज स्टे को लेकर जो बदलाव आ रहा है, वह पर्यटन के लिए काफी अच्छा है।

राज्यपाल ने कहा कि हर भारतीय को अपनी संस्कृति को जानना होगा। उन्होंने सभी भारतीयों से अपील कि वे चारधाम आकर आध्यात्मिक अनुभूति को प्राप्त करें। राज्यपाल ने पूर्ण विश्वास जताया कि जिस प्रकार से उत्तराखण्ड विकास के पथ पर अग्रसर है, निश्चित ही आने वाला समय उत्तराखण्ड का होगा। इस दौरान एडीसी तरूण कुमार, जिलाधिकारी वन्दना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे, अपर जिलाधिकारी सीएस मर्तोलिया, जागेश्वर मन्दिर प्रबन्धक ज्योत्सना पंत समेत अन्य मौजूद रहे।

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