Almora Breaking: महिला समूहों का बेहतरीन कार्य नई क्रांति का संकेत: राज्यपाल

—पलायन रोकने, खेती व पर्यटन को बढ़ावा देने पर दिया जोर—राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का अल्मोड़ा भ्रमणसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाअल्मोड़ा भ्रमण के दौरान उत्तराखंड…

—पलायन रोकने, खेती व पर्यटन को बढ़ावा देने पर दिया जोर
—राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का अल्मोड़ा भ्रमण
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा भ्रमण के दौरान उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों के बेहतरीन कार्यों और उत्पादों ने एक नई क्रांति की शुरूआत कर दी है। उन्होंने पलायन रोकने पर खासा जोर देते हुए खेती व पर्यटन की योजनाओं को बढ़ावा देने की बात कही। रोजगार/व्यवसाय के लिए पहाड़ से पलायन कर चुके लोगों को अपनी मातृभूमि में वापस आने का आमंत्रण भी राज्यपाल ने दिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार राज्यपाल अल्मोड़ा पहुंचे और अधिकारियों की बैठक लेते हुए पूर्व सैनिकों से संवाद किया तथा स्वयं सहायता समूहों के स्टालों का निरीक्षण किया।

यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से वार्ता में राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि उन्होंने अल्मोड़ा की पेयजल समस्या एवं वनाग्नि के संबंध में विस्तार से जानकारी ली है और इस माह के अंत तक पानी की समस्या को सुलझा लिया जाएगा। उन्होेंने कहा ​कि पानी की जरूरत मांग के अनुसार जल्द पूरी हो जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन की कार्यशैली की प्रशंसा की। राज्यपाल बोले कि प्रभु के वरदान जंगलों की आग पर नियंत्रण के लिए यहां के लोगों ने सामूहिक रूप से काम करने का प्रण लिया है और इसमें जिला प्रशासन व वन विभाग की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उत्तराखंड विशेषकर अल्मोड़ा की महिलाओं की शक्ति व क्षमता की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनमें एक अलग तरह का हौसला, मिशन व विजन है। यहां के महिला समूहों के कार्य व उत्पादों में एक अलग तरह की विशेषता झलकती है, जो एक नई क्रांति का संकेत है और यहां के उत्पादों की मांग एक दिन पूरे विश्व स्तर पर होगी। उन्होंने जिला प्रशासन से भी इनके मार्केटिंग की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा जिले से रोजगार/व्यवसाय के लिए काफी संख्या में लोग बाहर शहरों में गए हुए हैं। राज्यपाल ने उन लोगों से अपनी मातृभूमि में वापस आने का आह्वान किया और उन्हें संदेश दिया कि यहां पर अब माहौल बदल गया है। राज्यपाल का कहना था कि पर्यटन समेत रोजगार के तमाम रोजगार के मौके यहां पैदा हो रहे हैं। अल्मोड़ा को सांस्कृतिक केंद्र बताते हुए उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के लोगों में एक अलग क्षमता है। यहां स्वयं सहायता समूहों के कार्य और उत्पादों से राज्यपाल बेहद प्रभावित दिखे। उन्होंने इनकी मुक्तकंठ से प्रशंसा की। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा की समस्याओं की ओर पत्रकारों द्वारा ध्यान खींचे जाने पर राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

इससे पहले राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह पूर्व तय कार्यक्रमानुसार आज सुबह करीब 10 बजे अल्मोड़ा पहुंचे। सर्किट हाउस में उन्हें गार्ड आफ आनर दिया। अल्मोड़ा भ्रमण पर पहुंचने पर जिलाधिकारी वंदना सिंह व प्रभारी एसएसपी अमित कुमार ने उनका स्वागत किया। डीएम ने उन्हें पर्यटन स्थलों से संबंधित काफी टेबल बुक प्रदान की। पुलिस टीम ने गार्ड आफ आनर दिया। इसके बाद उन्होंने सर्किट हाउस में डीएम, एसएसपी, डीएफओ, सीएमओ व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक ली। जिसमें विभागीय विकास कार्यों व योजनाओं पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने आर्गेनिक खेती व पर्यटन के क्षेत्र में बेहतरी लाकर पलायन को रोकने व रिवर्स पलायन पर जोर दिया। पर्यटन क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए राज्यपाल ने कहा कि जनपद अल्मोड़ा धर्मिक, पर्यटन, सांस्कृतिक के रूप में विश्व विख्यात है और पर्यटन की दृष्टि से अल्मोड़ा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां ग्रामीण व्यवसाय के साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाय। उन्होंने वनों की आग पर प्रभावी नियंत्रण के लिये ठोस कार्ययोजना बनाने पर बल दिया। उन्होंने समाज में बेहतर कार्य कर रहे लोगों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये ताकि अन्य लोग प्रेरणा लें। राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों से भी सर्किट हाउस में संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा ​पूर्व सैनिकों से सुझाव भी लिये और कहा पूर्व सैनिकों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा। डीएम वंदना ने उन्हें विभिन्न कार्यों व अभिनव प्रयोगों की जानकारी दी। जिनकी राज्यपाल ने प्रशंसा की। इस दौरान डीएम वंदना सिंह, एसएसपी अमित श्रीवास्तव, सीडीओ नवनीत पांडे, एडीएम सीएस मर्तोलिया, सीएमओ डा. आरसी पंत, डीडीओ केएन तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक ओशीन जोशी समेत तमाम अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
स्थानीय उत्पादों की प्रशंसा

राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने सर्किट हाउस परिसर में लगे विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के करीब 14 स्टालों का बारीकी से जायजा लिया और संबंधितों से उनके उत्पादों व कार्यशैली की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने स्थानीय उत्पादों की बेहद प्रशंसा करते हुए स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ी महिलाओं का उत्सावर्धन किया। ये स्टाल हस्तकला, शिल्पकला, ताम्रशिल्प, मशरूम, कृषि, उद्यान, आजीविका आदि के स्थानीय उत्पादों से सजे थे। राज्यपाल ने रेडक्रास सोसायटी अल्मोड़ा के कार्यों की भी सराहना की।
राज्यपाल का बागेश्वर दौरा

बागेश्वर: अल्मोड़ा आगमन से पहले गत मंगलवार को राज्यपाल ने बागेश्वर भ्रमण किया। बागेश्वर विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। जो यहां सिद्दत, निष्ठा, सेवाभाव से कार्य करता है। प्रभु उसे अवश्य आर्शिवाद देते हैं। उन्होंने डीएम को रिवर्स पलायन, आर्गनिक खेती, मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ ही 21 स्थानों पर इनोसेटिव कार्य के लिए चयन के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिस्ट डेस्टीनेशन को चिह्नित करने और होम-स्टे पर जोर दिया। इस मौके पर डीएम विनीत कुमार, एसपी अमित श्रीवास्तव, डीएफओ हिमांशु बागरी आदि मौजूद थे। उन्होंने यहां पूर्व सैनिकों व वार विडो से भी राज्यपाल ने संवाद किया और पारिवारिक एवं आर्थिकी स्थिति जानी। पूर्व सैनिक एवं वीरांगना से कहा कि किसी भी परेशानी के लिए पत्र लिख सकते हैं। भ्रमण के दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह को वृक्ष प्रेमी किशन मलड़ा ने चंदन के पौध भेंट किए। उन्होंने स्वलिखित पुस्तक समर्पण, महत्वाकांक्षा, थ्वाड़ भरपाई भी उन्हें भेंट की। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कोरोना काल में रेडक्रॉस द्वारा किये गए कार्यो की सराहना की।
विवेकाधीन कोष से दिया उपहार

बागेश्वर: राज्यपाल ने स्थानीय उत्पादों से जूस, जैम, जैली, अचार आदि बनाने वाले शंकर बिष्ट की सराहना की। उनकी पुत्री के लिए अपने विवेकाधीन कोष से उपहार दिया।

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