नई दिल्ली। सरकार ने एयरमार्शल वी आर चौधरी को वायुसेना का अगला प्रमुख बनाने का निर्णय किया है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि वायुसेना उप प्रमुख एयरमार्शल चौधरी देश के अगले वायुसेना प्रमुख होंगे। वह वर्तमान वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आर के एस भदौरिया का स्थान लेंगे। एयरचीफ मार्शल भदौरिया 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
एयरमार्शल चौधरी परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट मेडल से विभूषित हैं। उनके पास इस समय एयर स्टाफ के उप प्रमुख का दायित्व है।
विस्तार से पढ़िये इनका शानदार करियर
- NDAके छात्र रहे चौधरी डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से भी ग्रेजुएट हैं।
- वीआर चौधरी का पूरा नाम विवेक राम चौधरी है।
- 01 जुलाई 2021 को एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा के स्थान पर 45वें वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ बने थे।
- 30 सितंबर 2021 को एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया के रिटायरमेंट के बाद वह 27वें वायु सेना प्रमुख के रूप में कमान संभालेंगे।
- इससे पूर्व पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (AOC-in-C) के रूप में काम किया है।
- ऑपरेशन मेघदूत और सफेद सागर जैसे मिशन से खास पहचान कायम करने वाले विवेक राम चौधरी को तरह—तरह के लड़ाकू विमानों को उड़ाने में महारत हासिल है।
- वायु सेना के कुछ बेहद अहम मिशन का हिस्सा रहे हैं। उन्हीं में से ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर शामिल हैं।
- ऑपरेशन मेघदूत 37 साल पहले भारतीय सशस्त्र सेना का सफल अभियान रहा है। इसके चलते ही भारतीय सेना ने कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया था। तब पाकिस्तानी सेना को हमारे जवानों ने पीछे जाने के लिए मजबूर कर दिया था।
- ऑपरेशन मेघदूत को 13 अप्रैल 1984 की सुबह को अंजाम दिया गया था। इसमें वायु सेना ने अहम भूमिका निभाई थी। चौधरी इस ऑपरेशन का हिस्सा थे।
- ऑपरेशन सफेद सागर भी थल सेना के साथ वायु सेना का संयुक्त अभियान था। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इसकी जिम्मेदारी सेना को सौंपी गई थी। यह एक कोड नेम था। इसका मकसद नियंत्रण रेखा के साथ कारगिल सेक्टर में भारतीय चौकियों को पाकिस्तान के कब्जे से खाली कराना था। पाकिस्तानी सैनिकों ने इन पर धोखे से कब्जा जमा लिया था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद यह जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में वायु शक्ति का पहला बड़े पैमाने पर इस्तेमाल था। इसमें भी विवेक राम चौधरी की बड़ी भूमिका रही थी।
- चौधरी को उनकी सेवा के लिए 2004 में वायु सेना मेडल, 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2021 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
- चौधरी को 29 दिसंबर 1982 को एक फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना में कमीशन किया गया था। वह एक योग्य फ्लाइट इंस्ट्रक्टर हैं। उन्हें मिग-21, मिग-23एमएफ, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई सहित विभिन्न लड़ाकू विमानों पर 3800 घंटे से ज्यादा का उड़ान का अनुभव है।
- उन्होंने मिग-29 स्क्वाड्रन की कमान, फॉरवर्ड बेस की कमान और बाद में वायु सेना स्टेशन पुणे की कमान सहित तमाम फील्ड पोजिशन पर काम किया है। उन्होंने DSCC वेलिंगटन के साथ-साथ लुसाका, जाम्बिया में DSCSC प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया है।
- चौधरी एयर फोर्स स्टेशन श्रीनगर में मुख्य संचालन अधिकारी का पद संभाल चुके हैं। उनकी अन्य नियुक्तियों में डिप्टी कमांडेंट के तौर पर डुंडीगल एयर फोर्स अकैडमी और असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ ऑपरेशन (एयर डिफेंस) शामिल हैं।
- उन्होंने असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (पर्सनल ऑफिसर) और बाद में वायु सेना मुख्यालय, वायु सेना भवन, नई दिल्ली में उप वायु सेनाध्यक्ष के रूप में काम किया है।
- अक्टूबर 2019 से जुलाई 2020 तक पूर्वी वायु कमान के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर के रूप में भी काम कर चुके हैं।
- 30 सितंबर, 2021 को एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया के रिटायर होने के बाद वह 27वें वायु सेना प्रमुख बनेंगे।
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