अमेरिका भेजा जाएगा ब्लैक बॉक्स, जानिए वजह
Air India Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे के राज अब अमेरिका में खुलेगे। जिसका कारण यह है कि एअर इंडिया ड्रीमलाइनर के ब्लैक बॉक्स को इस दुर्घटना में नुकसान पहुंचा है। भारत में चूंकी डेटा रिकवरी मुमकिन नहीं, अतव एअर इंडिया विमान का ब्लैक बॉक्स जांच के लिए अमेरिका भेजा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि क्रैश हुए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान का ब्लैक बॉक्स क्रैश के अगले दिन ही रिकवर कर लिया गया था। विमान में आग लगने के बाद ब्लैक बॉक्स इतना डैमेज हो चुका है कि उससे डेटा रिकवर करना मुश्किल है। इसलिए उसे जांच के लिए अमेरिका भेजने का फैसला लिया गया है।
घटना में मारे गए थे 270 लोग
अहमदाबाद में 12 जून को लंदन जाने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी। इसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक यात्री की जान बच गई थी। वहीं, इस घटना में कुल 270 लोग मारे गए थे।
भारतीय अधिकारियों की एक टीम भी साथ जाएगी
बताया जा रहा है कि ब्लैक बॉक्स के 2 हिस्से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) को हीट और आग से नुकसान पहुंचा है। देश में ऐसी कोई लैब नहीं है, जहां डेटा रिकवर किया जा सके। हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा। अगर ब्लैक बॉक्स वॉशिंगटन डीसी स्थित नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड को भेजा जाता है, तो भारतीय अधिकारियों की एक टीम भी उसके साथ जाएगी ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

क्या होता है ‘ब्लैक बॉक्स’?
‘ब्लैक बॉक्स’ वास्तव में दो चीजों से मिलकर बना होता है- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR)। एक रिकॉर्डर पायलटों की बातचीत को दर्ज करता है और दूसरा उड़ान से जुड़ा तकनीकी डाटा इकट्ठा करता है। यह दुर्घटनाओं की जांच में अहम भूमिका निभाते हैं।
ऑरेंज कलर फिर भी कहते हैं ब्लैक बॉक्स
‘ब्लैक बॉक्स’ नाम को लेकर कई बातें कही जाती हैं। एक मान्यता है कि पहले इसके अंदर का हिस्सा काला होता था, इसलिए इसे यह नाम मिला। दूसरी राय यह है कि हादसे के बाद आग से जलकर इसका रंग काला हो जाता है, इसलिए लोग इसे “ब्लैक बॉक्स” कहने लगे।
हालांकि ब्लैक बॉक्स असल में ओरेंज रंग का होता है और बॉक्स जैसा नहीं दिखता। यह अलग-अलग आकार का हो सकता है—जैसे गोल, बेलनाकार या गुंबद जैसा। इसका आकार इतना बड़ा होता है कि प्लेन के मलबे में आसानी से मिल सके।
कैसे खोजते हैं ?
अगर विमान पानी में गिरता है तो ब्लैक बॉक्स का अंडरवाटर बीकन पानी छूते ही सिग्नल भेजना शुरू कर देता है। अगर हादसा जमीन पर होता है तो इसका चमकीला नारंगी रंग इसे ढूंढने में मदद करता है।
ब्लैक बॉक्स को विमान के सबसे सुरक्षित हिस्से, आमतौर पर टेल सेक्शन में रखा जाता है। यह टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील से बना होता है। 1100 डिग्री सेल्सियस तापमान व समुद्र की गहराई में दबाव को झेल सकता है। पानी में गिरने पर यह 14,000 फीट गहराई तक से सिग्नल भेज सकता है।
211 DNA मैच, 189 शव सौंपे गए
अहमदाबाद प्लेन हादसे में जान गंवाने वाले अब तक 211 मृतकों की पहचान DNA टेस्ट से हो चुकी है और 189 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। यह जानकारी गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने गुरुवार को दी। सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि अब तक जिन शवों को सौंपा गया, उनमें 131 भारतीय नागरिक, 4 पुर्तगाली, 30 ब्रिटिश नागरिक, 1 कनाडाई और 6 गैर यात्री शामिल हैं। हादसे के बाद 71 घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिनमें से अब केवल 7 मरीज इलाज करा रहे हैं। बाकी मरीजों को छुट्टी दे दी गई है।