17 नवंबर को न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे अधिवक्ता, इस कारण आक्रोश

✒️ बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के आह्वान पर होगा धरना-प्रदर्शन सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के आह्वान पर 17 नवंबर, बृहस्पतिवार को सभी…

✒️ बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के आह्वान पर होगा धरना-प्रदर्शन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के आह्वान पर 17 नवंबर, बृहस्पतिवार को सभी अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों से विरत रहते हुए दो घंटे का धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा की यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक में बताया गया कि बार कौंसिल आफ उत्तराखंड, नैनीताल के सदस्य सचिव मेहरमान सिंह कोरंगा ने प्रदेश की समस्त बार एसोसिएशन को जारी पत्र में यह आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि बार कौंसिल आफ उत्तराखंड व राज्य की समस्त बार एसोसिएशनों की संयुक्त बैठक विगत माह हुई थी। जिसमें पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकांश न्यायिक अधिकारियों द्वारा अधिवक्ताओं से गरिमापूर्ण व्यवहार न किये जाने पर बार कौंसिल आफ उत्तराखंड ने अवगत कराया था कि राज्य के न्यायिक अधिकारियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार न किये जाने एवं न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग न करने के कारण अधिवक्ताओं में रोष है। सभी बार एसोसिएशनों ने यह आम सहमति से यह निर्णय लिया कि एक दिन के लिये न्यायिक कार्यों से विरत होकर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि बार कौंसिल आफ उत्तराखंड सदन की बैठक गत 11 नवंबर को हुई थी। जिसकी अध्यक्षता चेयमरैन बार कौंसिल आफ उत्तराखंड एमएम लाम्बा द्वारा की गयी। इस विषय पर गहन विचार-विमर्श किया गया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य के अधिकांश न्यायिक अधिकारियों के द्वारा अधिवक्ताओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार न करने एवं न्यायिक प्रशासन के संचालन में सहयोग न करने के विरोध में प्रदेश के सभी अधिवक्तागण संपूर्ण रूप से 17 नवंबर, 2022 को न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे और 02 घंटे का शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करेंगे। इस मुहिम के अध्यक्ष राव मुनफैत अली वाईस चैयरमैन बार कौंसिल आफ उत्तराखंड होंगे। इस निर्णय का पालन प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन पूर्ण रूप से करेंगी। बैठक में अध्यक्ष शेखर लखचौरा, उपाध्यक्ष कुंदन लटवाल, सचिव भुवन पांडे, कोषाध्यक्ष कमलेश कुमार, उप सचिव भगवत मेर, इंतिखाब आलम कुरेशी, भोला शंकर, राजा ह्रदयेश अंडोला आदि कार्यकारी सदस्य मौजूद थे।

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