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दुखड़ा: कंप्यूटर युग में एक अदद बस सेवा को तरसी बड़ी आबादी


—अल्मोड़ा जिले के इस क्षेत्र का हाल, बस की मांग
— कभी चलती थी एक बस, अब वह भी नहीं
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यूं तो अल्मोड़ा जनपद के धौलादेवी ब्लाक अंतर्गत भनोली एक जाना—पहचाना नाम है। भनोली के नाम से तहसील भी है, लेकिन तहसील मुख्यालय भनोली से काफी दूर है। क्षेत्र में असुविधाएं कई हैं, इन्हीं असुविधाओं में यातायात की असुविधा भी विकट है। काफलीखान से भनोली तक करीब 30—35 किमी के दायरे में दर्जनों गांव मौजूद हैं। हद ये है कि इस कंप्यूटर युग में भी एक भी बस सेवा इस क्षेत्र में नहीं है। बस की तुलना में महंगे किराए वाली टैक्सियों का ही सहारा है। वह भी अपनी मर्जी से चलती हैं। स्थिति ये है कि अपराह्न बाद वाहन के अभाव में भनोली या इर्द—गिर्द गांवों से काफलीखान मुख्य सड़क तक पहुंचना टेड़ी खीर है।

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा—पिथौरागढ़ मुख्य मोटरमार्ग में दन्या से कुछ पहले काफलीखान नामक स्थान से भनोली के लिए सड़क गुजरती हैं, जो आगे जाकर चंपावत को निकलती है। काफलीखान से भनोली तक दर्जनों गांव मौजूद हैं। जो इस सड़क से जुड़े हैं। मगर सालों गुजर गए, इतनी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र के लोगों के लिए आज भी बस सेवा का टोटा है। इस क्षेत्र में टैक्सियां हैं, इनमें से गिनी—चुनी टैक्सियां शहरफाटक—लमगड़ा मार्ग से होकर अक्सर सुबह के वक्त हल्द्वानी को निकलती हैं और कुछ अल्मोड़ा जिला मुख्यालय तक। बांकी लोकल काफलीखान, पनुवानौला व दन्या तक सीमित रहती हैं। सुबह अगर ये टैक्सियां किसी कारणवश छूट गई, तो फिर बाद में अल्मोड़ा व हल्द्वानी जाने के लिए बड़ी सिरदर्दी करनी पड़ती है और दोपहर बाद तो बेहद मुश्किल। दूसरी बात ये है कि यदि क्षेत्र में बस सेवा होती, तो गरीब यात्रियों को किराए की सुविधा होती, क्योंकि टैक्सियों की अपेक्षा में बसों में किराया आसान होता है, लेकिन विकल्प नहीं होने से लोग टैक्सियों का महंगा​ किराया देने का मजबूर हैं।
बस के लिए उठी आवाज

यह असुविधा लोगों को काफी अखर रही है। अब फिर मांग उठने लगी है कि इस क्षेत्र के लिए पूर्व की भांति बस सेवा शुरू की जाए। चेलछीना क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं आर्मी से सेवानिवृत्त बची दत्त पाण्डेय, चिलगांव के समाजसेवी रंजीत सिंह समेत कई लोगों ने भनोली वाया काफलीखान व अल्मोड़ा हल्द्वानी बस सेवा शुरू की जाए, ताकि क्षेत्र की बड़ी आबादी को इसका लाभ मिल सके और यातायात में राहत मिले।
एक बस थी, अब नहीं

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता बची दत्त पांडे व रंजीत सिंह ने बताया कि भनोली क्षेत्र के लिए केमू की एक बस करीब एक दशक पहले तक चलती थी यानी करीब वर्ष 2009 तक यह बस चली। जो भनोली से वाया काफलीखान व अल्मोड़ा होते हुए हल्द्वानी तक संचालित थी।इस बस से क्षेत्र के तमाम गांवों के ग्रामीणों को आवाजाही की काफी सुविधा मिल रही थी, लेकिन दुर्भाग्य से यह बस सेवा बन्द कर दी गई। तब से एक दशक से ज्यादा वक्त गुजर गया और कोई बस सेवा शुरू नहीं हो सकी और लोग आवाजाही के लिए महंगे टिकट वाली टैक्सियों पर ही निर्भर हो गए। उनमें भी काफी इंतजार करना पड़ता है।

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