सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
विकासखंड भैसियाछाना के ग्राम कांचुला में मत्स्य उत्पादन में इजाफा होने और इसके स्वरोजगार का जरिया बनने की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं। ऐसे संकेत आज जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी के निरीक्षण के दौरान मिले। इस मौके पर श्री तिवारी ने कहा कि मनरेगा क्लस्टर एप्रोच से मत्स्य तालाब विकसित किए जाएंगे।
दरअसल, आज जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी ने भैंसियाछाना विकासखंड के ग्राम कांचुला पहुंचे। जहां उन्होंने मनरेगा के तहत बने मत्स्य तालाबों और मत्स्य उत्पादन की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने गांव में गोविन्द सिंह के मत्स्य पालन कार्य का निरीक्षण किया, उन्हें मत्स्य तालाब वर्ष 2020-21 में मनरेगा के तहत प्रदान किया गया था। जिसकी लागत करीब 80 हजार रुपये बताई गई। इसके अलावा उन्हें मत्स्य विभाग से मत्स्य बीज दिया गया। इससे इस स्वरोजगार में प्रगति देखी गई। पता चला कि इसमें 10 किलोग्राम मछली उत्पादन शुरू हो गया। इससे गांव में अन्य लोगों को प्रेरणा मिलने और इस स्वरोजगार से आजीविका में वृद्धि के संकेत मिले। डीडीओ ने गांव में तीन अन्य मत्स्य तालाबों तथा मनरेगा से मिले माधवी देवी की गौशाले का निरीक्षण किया।
इस दौरान जिला विकास अधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि मनरेगा के तहत आय अर्जन वाली गतिविधियों से महिला समूह एवं एसईसीसी में आच्छादित परिवारों को जोड़ा जाए। इसके लिए क्लस्टर एप्रोच करने पर जोर दिया ताकि गांव के लोगों को स्वरोजगार के मौके मिल सकें। उन्होंने कहा कि मनरेगा से जल संरक्षण एवं आजीविका संवर्धन पर कार्य होंगे। इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाएंगे। इस निरीक्षण में उनके साथ खंड विकास अधिकारी केएस भोज, एबीडीओ हेम कांडपाल व ग्राम विकास अधिकारी मनोज बोरा भी मौजूद रहे।