बागेश्वर। प्रदेश के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने विगत दिनों सैंपलिंग बढ़ाने की बात कही थी। मगर उनके इस दावे का असर बागेश्वर जिले में नजर नहीं आता। रविवार तक जिले में 27,921 प्रवासी पहुंचे हैं और इनमे से 5% लोगों के सैंपल भी अब तक नहीं भेजे गए हैं। यह हालात तब है जब जिले में पहले दो कोरोना पॉजिटिव केस बिना किसी खास लक्ष्ण के पाये गये थे। उस वक़्त स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बोला गया कि ज्यादा से ज्यादा सैंपल टेस्ट किये जायेंगे। फिर भी जांच की गति धीमी ही रही। आप अंदाजा लगा सकते है कि इस वैश्विक के संकट में जिले का स्वास्थ्य महकमा कितनी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
हम क्षेत्रफल या जनसंख्या के आधार पर बात करे तो चंपावत और रुद्रप्रयाग जिले बागेश्वर की तुलना में छोटे है। लेकिन इनका सैंपलिंग का आंकड़ा भी बागेश्वर जिले से बेहतर है। जहां रुद्रप्रयाग ने 1004 सैंपल भेजे हैं,वहीं चंपावत के भी 780 सैंपल लैब में पहुंचे हैं । वहीं प्रदेश की स्थिति भी नाजुक ही है। एक करोड़ से अधिक आबादी वाले इस राज्य में अब तक सिर्फ 46,573 सैंपल ही जांचे गये हैं।जिसमें 38,643 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव और 4686 जांचों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 1836 पहुंच चुकी है। इनमें से 1135 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं।
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पूरे प्रदेश में अब तक कोरोना से 24 लोगों की मौत हुई है । सबसे अधिक 12,323 सैंपल जांचने वाला जिला देहरादून है और सबसे फिसड्डी जिला बागेश्वर जिसने सिर्फ 725 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं । राहत की बात है जनपद में अब तक 42 कोरोना पाॅजीटव में से 29 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं और गनीमत है। पिछले दो दिनों में बागेश्वर जिले ने सैंपलिंग भेजने में दोगुनी रफ्तार पकड़ी है । बीते शुक्रवार से रैपिड टेस्ट किट जांच शुरु हो गई । जिसे जांच का आकड़ा बढ़ना भी तय है ।