Bageshwar News: जिला बनाओ आंदोलन के प्रमुख गुसाई सिंह दफोटी को श्रद्धांजलि

— जनपद गठन की 25वीं वर्षगांठ पर नागरिक मंच का वेबीनार
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जनपद गठन की 25वीं वर्षगांठ पर नागरिक मंच ने वेबीनार का आयोजन किया। जिसमें बागेश्वर कल, आज और कल विषय पर चर्चा हुई। जिला बनाओ आंदोलन के अगुवा गुंसाई सिंह दफौटी के संघर्षों को याद किया गया और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
नागरिक मंच के अध्यक्ष पंकज पांडे ने कहा कि जिला बनाओ आंदोलन के अगुवा गुंसाई सिंह दफौटी के संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता है। वर्ष 1981-82 से पृथक जिले की मांग उठी। वकलात के पेशे से जुड़े स्व. दफौटी ने अपना काम छोड़ दिया। जिला आंदोलन के दौरान दो बार आमरध अनशन किया। तीन बार वह गिरफ्तार हुअए और नौ माह से अधिक समय तक जेल में रहे।
आंदोलन के प्रभाव से तत्कालीन उप्र. के मुख्यमंत्री मायावती ने जिले की घोषणा की। संघर्ष की कीमत दफौटी के परिवार ने चुकाई। उनकी पत्नी नीमा दफौटी ने अत्यंत आर्थिक परेशानियों के साथ परिवार का भरण-पोषण किया। आंदोलनकारी जगत सिंह खेतवाल के योगदान को भी याद किया गया। जिला आंदोलनकारी रहे सवाल संगठन के अध्यक्ष रमेश पाण्डे कृषक ने कहा कि जिला गठन के बाद जिले में किसी के भी सर्वमान्य नेता के न उभर पाने का मलाल है।
संघर्ष वाहिनी जैसे जन संगठन की जरूरत है। प्रमोद मेहता ने कहा कि जिले में आधारभूत ढांचा के विकास के सुनियोजित सोच के अभाव पर निराशा जताई। कहा कि विकास के नाम पर बजट की खपाने की परिपाटी विकसित हो रही है। प्राथमिकता तय कर बजट का व्यय होना चाहिए। भुवन चौबे ने कहा कि जिले में पर्यटन की अपार संभावना है। आपदा संभावित क्षेत्रों में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। अधिवक्ता दया कृष्ण जोशी ने जिला बनने के बाद प्रशासनिक हीलाहवाली रही है। उसे क्रियाशील बनाने के लिए संगठनित होना होगा। प्रत्येक नागरिक को जिम्मेदारी निभानी और प्रशासन को जवाबदेह बनाना है। इस दौरान कृष्ण चंद्र सिंह खत्री, पंकज जोशी, राजकुमार परिहार, प्रमोद जोशी आदि ने विचार रखे।