सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जाने—माने शिक्षाविद् एवं लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रो. शेर सिंह बिष्ट का गत देर रात्रि निधन हो गया। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद उन्हें गत दिवस ही सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से हिंदी व कुमाऊंनी साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति हुई है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के एसएसजे कैंपस के हिंदी विभागाध्यक्ष रहे प्रो. शेर सिंह बिष्ट इनदिनों रौतेला कालोनी, रूपनगर हल्द्वानी में रह रहे थे।
बीते कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। बताया जा रहा है कि वह कोविड—19 के संक्रमण की चपेट में आ गए। गत दिवस ही उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां देर रात्रि उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके अचानक दुनिया से विदा लेने से हिंदी व कुमाऊंनी साहित्य जगत को भारी क्षति पहुंची है और साहित्यकारों, कवियों व साहित्य से जुड़े तमाम लोगों में जबर्दस्त शोक की लहर फैली है।
प्रो. बिष्ट के दो पुत्र हैं और दोनों ही बंगलौर की प्रतिष्ठित फर्मों में इंजीनियर हैं। बताया जा रहा है कि उनका एक पुत्र भी कोरोना संक्रमित है, जिनका हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
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अल्मोड़ा जिले के भनोली तहसील अंतर्गत डुंगरा गांव के मूल निवासी प्रो. बिष्ट का नाम जाने—माने विद्वानों में शुमार रहे। हिंदी साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार रहे प्रो. बिष्ट ने कुमाऊंनी साहित्य को सींचने में भी कोई कोर—कसर नहीं छोड़ी। बेहद मिलनसार, सरल स्वभावी एवं मृदुभाषी प्रो. बिष्ट ने वरिष्ठ साहित्यकार, समालोचक, समीक्षक, कवि, लेखक एवं समाजसेवी के रूप में पहचान बनाई।
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