✒️ आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी, खतरे में अमूल्य वन संपदा
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। फायर सीजन की शुरुआत में ही अल्मोड़ा के वन क्षेत्र भीषण वनाग्नि में दहकने लगे हैं। लंबे समय से बारिश नहीं होने से दोपहर के समय गर्म हवाएं चल रही हैं। इन तेज हवाओं के साथ ही जंगल की आग और अधिक दहकना शुरू हो जाती है। अफसोस की बात तो यह है कि कई जंगलों में लग रही आग पर काबू पाने के प्रयास भी नहीं हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा में यहां फलसीमा के पास जंगलों में विगत कई रोज से आग लगी है। वहीं शिवपुर व कुमान के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। वनाग्नि के चलते आसमान में धुंध छाई हुई है। सड़क मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को भी जंगल से उठ रहे धुंए के चलते दिक्कत पैदा हो रही है। राजमार्गों पर जबरदस्त धुंए के गुबार के चलते विजुअलिटी काफी कम हो गई है। जिससे सड़क हादसों का भी अंदेशा बना हुआ है। वनाग्नि के चलते अमूल्य वन संपदा को जहां नुकसान पहुंच रहा है, वहीं कई जीव जंतु भी आग में अपनी जान गंवा रहे हैं।
यह भी बता दें कि अब तक इस सर्दी के मौसम में ही अल्मोड़ा जनपद में 120 हेक्टेयर से अधिक जंगल वनाग्नि में जल चुके हैं। गत बुधवार से फायर सीजन भी शुरू हो चुका है। वर्तमान में अल्मोड़ा जनपद में फायर सीजन को देखते हुए वन विभाग ने 155 क्रू सेंटर स्थापित किए हैं। यहां 620 फॉयर वाचरों की तैनाती भी की गई है। अधिकारियों के अनुसार प्रत्येक सेंटर में 04 फायर वाॅचर तैनात किए गए हैं। जिनके ऊपर वनों को आग से बुझाने की जिम्मेदारी है।
ज्ञात हरे कि गत बुधवार को धारानौला क्षेत्र में जंगल में आग लग गई थी। इस आग में प्राथमिक स्कूल बख घिर गया था। इससे विद्यार्थी और शिक्षक भयभीत हो गए थे। स्कूल स्टॉफ ने पहले स्वयं आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। जिसके बाद दमकल विभाग को सूचित किया गया था। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पा लिया, नहीं तो हालात काभी भयंकर हो जाते। यह घटना तो टल गई, लेकिन जिस तरह से फलसीमा व नैनीताल जनपद के सीमावर्ती जंगलों में अब भी आग फैलने का खतरा बना हुआ है।