देहरादून। उत्तराखंड में गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों के अनिवार्य रिटायरमेंट (Compulsory Retirement) के लिए शिक्षा विभााग ने काम शुरू कर दिया। 20 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को रिटायर करने के लिए शिक्षा विभाग फार्मूला तैयार कर रहा है। 20 साल की सेवा के बाद के वर्षों को आधार बनाते हुए रिटायरमेंट के लिए पात्र शिक्षकों की सूची तैयार होगी।
इस योजना में देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में बीमारी के आधार पर तैनात शिक्षकों की बारी पहले आ सकती है। बीमारी के आधार पर तबादले के लिए सबसे ज्यादा आवेदन इन तीन जिलों के लिए ही होते हैं। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि रिटायरमेंट की प्रक्रिया के लिए सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए सर्वसम्मत नीति बनाई जाएगी। जल्द ही इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
मालूम हो कि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग को गंभीर बीमार शिक्षकों को रिटायर करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि बीमारी की वजह से जहां शिक्षक स्वयं भी परेशान रहते हैं, वहीं शिक्षा पर भी असर पड़ता है। सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग 20 साल की सेवा के बाद की सेवा अवधि को मानक बनाने पर विचार कर रहा है। 20 साल के बाद की सेवा अवधि में बढ़ते हुए क्रम में शिक्षकों को चिह्नित किया जाएगा।
यह भी पढ़े – कौन थे देश के पहले आईएएस अफसर? जो बने 21 की उम्र में सिविल सर्वेंट – पढ़े स्टोरी